लोकसभा में किया नया आयकर विधेयक पेश, सेलेक्ट कमेटी को भेजा गया।

नए आयकर विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने के बाद इस समीक्षा के लिए सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया। एक बार यह कमेटी अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर देती है, तो सांसद बिल को पारित करने के लिए उसे पर विचार करेगी। सरकार वित्तीय वर्ष 2026 और 2027 से नया आयकर अधिनियम लाने की कोशिश कर रही है। सरकार सभी इस स्टेकहोल्डर जैसे करदाताओं, कर विशेषज्ञों, और आम नागरिकों को नए कर बिल को समझने और नए आयकर कानून के लिए अच्छी तरह तैयार होने के लिए पर्याप्त समय देंगी।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली ‌।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में आज नए आयकर विधेयक को पेश कर दिया। इसे पेश करने के साथ ही समीक्षा के लिए सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया। इसे वर्तमान आयकर अधिनियम को सरल बनाने के लिए लाया जा रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में नए आयकर विधेयक को पेश कर दिया। नए आयकर अधिनियम संसद के विधायी कार्य के तहत पेश किया गया। पेश होने के बाद इसे सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया।

नए आयकर विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने के बाद, इसे समीक्षा के लिए सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया। एक बार यह कमेटी अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर देती है, तो सांसद बिल को पारित करने के लिए उस पर विचार करेगी। सरकार वित्तीय वर्ष 2026 और 2027 से ही नया आयकर अधिनियम लाने की कोशिश कर रही है। सरकार सभी स्टेकहोल्डर्स जैसे करदाताओं, कर विशेषज्ञों, आम नागरिकों को नए बिल को समझने और नए आयकर कानूनों के लिए अच्छी तरह तैयार होने के लिए पर्याप्त समय देंगी।

यह भी पढ़ें – ट्रंप सरकार में भारतीयों के खिलाफ उत्पीड़न पर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन… देखें Video

सरकार प्रत्यक्ष कर कानून की भाषा को सरल बनाने और मुकदमे बाजी काम करने के लिए नया आयकर बिल ला रही है‌। इसके लाने की घोषणा पिछले साल जुलाई में हुई थी। तब जाकर अधिनियम 1961 की समीक्षा की घोषणा की गई थी। समीक्षा की घोषणा इसलिए की गई क्योंकि वर्तमान आयकर अधिनियम 6 दशक पुराना है। 60 से अधिक बजटों के माध्यम से किए गए संशोधनों के कारण बहुत बड़ा हो गया है। नए आयकर बिल का उद्देश्य करदाताओं को आसानी प्रदान करने और कानूनों और विनियमों के बारे में कर निश्चित तथा प्रदान करने के साथ-साथ अनावश्यक और अप्रचलित प्रावधानों के कारण मुकदमे बाजी को कम करने के लिए आयकर कानूनों को समेकित और संशोधित करना है।

चार श्रेणियों में विभाजित…….

आयकर अधिनियम 1961 की समीक्षा को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया था।

  1. भाषा का सरलीकरण।
  2. मुकदमे बाजी में कमी।
  3. अनुपालन में कमी।
  4. अनावश्यक, अप्रचलित प्रावधान।

केंद्रीय वित्त सचिव ने बजट 2025 के बाद मीडिया से बातचीत में कहा है कि नई कर व्यवस्था में घोषित कर दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।

नए आयकर बिल का उद्देश्य कानून को सरल बनाना भविष्य में मुकदमे बाजी को कम करने के लिए कर निश्चितता प्रदान करना है। हालांकि, कई कर विशेषज्ञ आयकर अधिनियम के दंड और अभियोजन कानूनों में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। कर विशेषज्ञ वर्तमान आयकर अधिनियम के तहत निर्दिष्ट कई अभियोजन कानून को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की उम्मीद कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें – दिल्ली का सुधरेगा हेल्थ सिस्टम, मोहल्ला क्लीनिक की जगह आयुष्मान आरोग्य मंदिर, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना होंगी लागू।