LIC में भर्ती पर औद्योगिक अधिकरण ने लगाया स्टे, तो मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जारी किया आदेश।

मामले के अनुसार, भारतीय जीवन बीमा निगम की तरफ से हाई कोर्ट को बताया गया है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्स से किए जाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए अगस्त 2023 में से खारिज कर दिया था। खारिज याचिका होने के बावजूद कर्मचारियों ने औद्योगिक अधिकरण के समक्ष इस संबंध में आवेदन दिया।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार जबलपुर (मध्य प्रदेश )।

भारतीय जीवन बीमा निगम मैं चतुर्थी श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती आउटसोर्स से किए जाने का मामला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट पहुंच गया।

दरअसल, औद्योगिक अधिकरण ने एलआईसी इस भर्ती पर रोक लगा दी थी। इस आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। इस मामले में हाई कोर्ट जस्टिस डीडी बंसल की एकल पीठ ने सुनवाई करते हुए औद्योगिक अधिकरण के आदेश पर रोक लगा दी थी।

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एलआईसी के ख़िलाफ़ दायर याचिका निरस्त………….

मामले के अनुसार, भारतीय जीवन बीमा निगम की तरफ से  कोर्ट में बताया गया है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्स से की जाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।

हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए अगस्त 2023 में इसे ख़ारिज कर दिया था। याचिका ख़ारिज होने के बावजूद कर्मचारियों ने औद्योगिक अधिकरण के समक्ष इस संबंध में आवेदन दिया। इसमें कहा गया है कि प्रकरण में सुलह की कार्यवाही समक्ष प्राधिकारी के समक्ष लंबित है। इसलिए उनकी सेवा शर्तों का बदला नहीं जा सकता।

औद्योगिक अधिकरण के आदेश पर रोक……………..

औद्योगिक अधिकरण ने आवेदन की सुनवाई करते हुए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती आउटसोर्स से किए जाने पर रोक लगा दी थी। इस कारण फिर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। भारतीय जीवन बीमा निगम की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अमित रूपराह ने एकल पीठ को बताया है कि हाई कोर्ट पूर्व में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती आउटसोर्स के कराए जाने के ख़िलाफ़ दायर याचिका को ख़ारिज कर चुका है। एकल पीठ ने सुनवाई के बाद ही आदेश जारी किया। औद्योगिक अधिकरण औद्योगिक विवादों को सुलझाने के लिए बनाया गया एक न्यायालय हैं।

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