क्या है डाटा डंप टेक्नोलॉजी? खोली- सैफ अली ख़ान के हमलावर की पोल? जानें डिटेल आज बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर सैफ अली ख़ान।
डाटा डंप को मोबाइल फ़ोन डंप या सेल फोन डंप भी कहा जाता है। यह एक ऐसी तकनीक है जो किसी व्यक्ति का डिजिटल डाटा निकालना और उसकी जांच करने में मदद करती है। इसमें कॉल लॉग, टेक्स्ट मैसेज, ईमेल, फोटो, वीडियो, एप्लीकेशन, डाटा और ब्राउजिंग हिस्ट्री के साथ अन्य जानकारियां शामिल होती हैं। आमतौर पर इस तकनीक का उपयोग पुलिस या जांच एजेंसियां अपराधियों की पहचान करने और जांच प्रक्रिया को तेज करने के लिए करती है। डाटा डंप तकनीक का उद्देश्य किसी संदिग्ध व्यक्ति का डिजिटल डाटा निकाल कर उसकी एक्टिविटी का एनालिसिस करना है। यह प्रक्रिया तब शुरू होती है जब किसी घटना या अपराध के बाद जांच एजेंसियों को अपराधी की पहचान या उसकी लोकेशन की जानकारी जुटानी होती है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली।
आज बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर सैफ अली खान पर एक चोर ने चाकू से हमला किया। बिल्डिंग के सीसीटीवी फुटेज के जरिए हमलावर की पहचान की गई है। इसके बाद पुलिस ने डाटा डंप टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके कर के बारे में सारी जानकारी निकाली। आपको बता दें कि इसकी मदद से किसी भी इंसान का डिजिटल डाटा निकाला जा सकता है। आइए इसके बारे में जानते हैं—
डाटा डंप को मोबाइल फोन डंप या सेल फोन नंबर भी कहा जाता है। यह एक ऐसी तकनीक है जो किसी व्यक्ति का डिजिटल डाटा निकालना और उसकी जांच करने में मदद करती है। इसमें कॉल लॉग, टेक्स्ट मैसेज, ईमेल, फोटो, वीडियो, एप्लीकेशन डाटा और ब्राउजिंग हिस्ट्री के साथ अन्य जानकारियां शामिल होती हैं। आमतौर पर इस तकनीक का उपयोग पुलिस या जांच एजेंसियां अपराधियों की पहचान करने और जांच प्रक्रिया को तेज करने के लिए करती हैं।
डाटा डंप तकनीक का मुख्य उद्देश्य किसी संदिग्ध व्यक्ति का डिजिटल डाटा निकाल कर उसकी एक्टिविटी का एनालिसिस करना है। यह प्रक्रिया तब शुरू होती है। जब किसी घटना या अपराध के बाद जांच एजेंसियों को अपराधी की पहचान या उसकी लोकेशन की जानकारी जुटानी होती है। इस प्रक्रिया के तहत, स्मार्टफोन या अन्य डिवाइस से जुड़े डाटा को हासिल किया जाता है।
जब भी हम स्मार्टफोन से कोई कॉल करते हैं, मैसेज भेजते हैं, और इंटरनेट ब्राउज करते हैं, तो यह डाटा संबंधित सेल टावरों के माध्यम से ट्रांसफर होता है। यह डाटा रिकॉर्ड के रूप में टेलीकॉम कंपनियों के पास स्टोर रहता है। डाटा डंप प्रक्रिया में पुलिस इस डाटा को हासिल कर संदिग्ध की गतिविधियों और लोकेशन का पता लगाती है।
इसमें डाटा डंप प्रक्रिया में DEMS ( डिजिटल एविडेंस मैनेजमेंट सिस्टम) की अहम भूमिका होती है। यह सिस्टम डिजिटल एविडेंस को संभालने और मैनेज करने का काम करता है। हालांकि यह डाटा बिना कानूनी प्रक्रिया के बिना किसी के लिए उपलब्ध नहीं होता है। जांच एजेंसियों को डाटा एक्सेस करने के लिए कानूनी अनुमति लेनी होती है।
मुंबई में बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर 16 जनवरी की रात जानलेवा हमला हुआ। बांद्रा स्थित उनके घर में एक हमलावर ने उन पर चाकू से हमला किया। जिसमें अभिनेता को गंभीर चोटें आई हैं। सैफ अली खान के गर्दन, हाथ और पीठ पर गहरे घाव हुए हैं और उनकी रीड की हड्डी में चाकू का टुकड़ा भी फंसा था। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने 2.5 इंच का चाकू का टुकड़ा निकाला। फिलहाल सैफ अली खान की हालत में सुधार हो रहा है। और उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया है।
इस मामले की जांच के लिए पुलिस नए मोबाइल डाटा डंप तकनीक का इस्तेमाल किया। इस तकनीक के जरिए संदिग्ध की लोकेशन और गतिविधियों की जानकारी जुटाई गई है। जिससे उसकी पहचान संभव हो सकी है।
40 के दशक में किउ को एक बड़ी त्रासदी का सामना करना पड़ा, जब पति के अचानक मृत्यु हो गई। उसके चार बच्चे थे। चारों को उन्होंने अकेले ही पाला था। किउ कोई दूसरा झटका तब लगा, जब वह स्वस्थ जीवन जी रही थी, और उनके सबसे बड़े बेटे की मृत्यु हो गई। इसके बाद किउ के बहू ने दोबारा शादी कर ली। कई साल बाद पोती के पति की भी मौत हो गई। किउ का कहना है कि मेरे भाई-बहन, पति और बेटे का बहुत पहले निधन हो गया। नरक का राजा (यमराज) शायद मुझे भूल गया होगा और मुझे नहीं ले जाएगा।
किउ कामना है की लंबी उम्र का रहस्य जीवन में उनका सकारात्मक दृष्टिकोण रखना है। आपको जानवर हैरानी होंगी कि किउ नानचोंग में रहने वाली अकेली ऐसी महिला नहीं है, जिसकी उम्र 100 से अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में लगभग 960 लोग ऐसे रहते हैं, जिनकी उम्र 100 से अधिक है।
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