जानिए IPC के नए बदलाव : छिनैती किया तो भुगतोगे धारा 302 की सजा, मर्डर करने पर लगेगी धारा 101
केंद्र सरकार ने ब्रिटिशकालीन आईपीसी, सीआरपीसी, साक्ष्य अधिनियम में किया महत्वपूर्ण परिवर्तन
नई दिल्ली। धारा 302 काफी खतरनाक मानी जाती है। इस अंक का उच्चारण करना भी लोग पसंद नहीं करते। धारा 302 का प्रयोग हत्यारोपी को सजा के लिए किया जाता है। लेकिन अब धारा 302 की पहचान छिनैती की सजा से होगी वही हत्या करने पर धारा 101 के तहत दंडित किया जाएगा। केंद्र सरकार ने अंग्रेजी शासन काल से चली आ रही महत्वपूर्ण धाराओं में परिवर्तन कर दिया है। संशोधनों में मॉब लिंचिंग के लिए मृत्युदंड, शादी के झूठे वादे पर यौन संबंध के लिए कारावास और राजद्रोह पर विशिष्ट धारा को निरस्त करना शामिल है।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते शुक्रवार को ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और आपराधिक प्रक्रिया संहिता को निरस्त करने के लिए लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए थे।
भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023, मॉब लिंचिंग के मामले में अधिकतम मृत्युदंड की सजा की बात कहता है।जबकि शादी का वायदा करके महिलाओं के साथ यौन संबंध बनाने के मामले में दस साल की कैद का सुझाव देता है। शाह ने कहा कि संपत्ति की जब्ती अदालत के आदेश पर की जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि प्रस्तुत किए गए विधेयक में 313 बदलाव का प्रस्ताव है, यह नए बदलाव भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव लाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस को 90 दिनों में शिकायत की स्थिति के बारे में सूचित करना होगा। पुलिस को आरोपपत्र दाखिल करने के लिए 90 दिन का ही समय मिलेगा, अदालत अदालत अगर समझती है की विवेचना में और समय आवश्यक है तो अदालत अपने विवेक पर संबंधित थाने की पुलिस को अधिकतम और 90 दिन का समय और दे सकती है”।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक पुलिस स्टेशन में एक पुलिस अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो पकड़े गए व्यक्ति के बारे में उसके रिश्तेदारों के माध्यम से साबित करेगा कि संबंधित आरोपी पुलिस हिरासत में है। केंद्रीय गृहमंत्री श्री शाह ने कहा कि“कई बार पुलिस संदिग्धों को पकड़ती है और उन्हें कई दिनों तक अवैध तरीके से लॉकअप में हिरासत में रखती है। संबंधित अपराध के अपराधी को पकड़ने के मामले में जानकारी ऑनलाइन और भौतिक दोनों तरीकों से प्रदान करनी होगी, ” केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इससे फायदा यह होगा कि राजनीतिक रसूख वाले किसी व्यक्ति को सजा के नियमों में ढिलाई न मिल सकेगी।
IPC की यह महत्वपूर्ण धाराएं बदलीं
1. हत्यारोपियों को सज़ा- धारा 101
2. सुसाइड को प्रेरित करना – धारा 106
3. अपहरण- धारा 135
4.बलात्कार – धारा 63
5. सामूहिक बलात्कार- धारा 70
6. मानहानि- धारा 354
(महत्वपूर्ण)
7. धोखाधड़ी- धारा 316
8. दहेज हत्या- 799.
9. चोरी- धारा 301
10. छीनना- धारा 302
आपको बता दें कि धारा 377 को हटा दिया गया है। उसके स्थान पर नया सेक्शन जोड़ा गया है धारा 69, “यौन संबंध” बनाने के लिए शादी का झूठा वादा करने वाले व्यक्ति को अधिकतम 10 वर्ष की सजा का प्रावधान किया गया है। लेकिन नए आईपीसी के तहत ये कृत्य ‘रेप’ की कैटेगरी में नहीं माना जाएगा।
अगर धोखे से, पहचान छिपाकर या महिला से शादी का झूठा वादा कर अथवा लालच देकर यौन संबंध बनाया गया है तो वह भी रेप की कैटेगरी में नहीं आएगा। कृत्य कारित करने वाले व्यक्ति को अधिकतम 10 साल की सजा का नियम किया गया है।
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