किसान आंदोलन, सुप्रीम कोर्ट 19 मार्च के बाद करेंगा मामले की सुनवाई।

22 जनवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के अधिकारियों के ख़िलाफ़ अवमानना कार्यवाही की याचिका को स्थगित कर दिया था। क्योंकि अदालत ने पाया कि भूख हड़ताल पर बैठे दल्लेवाल अपना उपवास तोड़े बिना ही उपचार करा रहे थे। अदालत ने यह भी उल्लेख किया था कि केंद्र के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शनकारियों किसानों से मुलाकात की है और 14 फरवरी को चंडीगढ़ में एक और बैठक आयोजित की जाएंगी।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली। 

फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने सनी 19 मार्च तक के लिए टाल दी है। यह फैसला केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों बीच हुई दो दौर की बातचीत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

जस्टिस सूर्यकांत और और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने बताया है कि सरकार और किसानों के बीच तीसरे दौर की बातचीत 19 मार्च को होनी है। इसके बाद ही मामले पर आगे विचार किया जा सकता है। पीठ ने किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के संबंध में पंजाब सरकार के अधिकारियों के ख़िलाफ़ अवमानना कार्यवाही की मांग करने वाली याचिकाओं समेत सभी मामलों को 19 मार्च के बाद सूचीबद्ध करने का आदेश दिया गया।

यह भी पढ़ें – मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना: बहराइच में 85 कन्याओं का सामूहिक विवाह सम्पन्न

पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने अदालत को बताया है कि राज्य के दो मंत्रियों ने किसानों के साथ हुई बैठकों में भाग लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों किसानों की शिकायतों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति के काम की सराहना की और इसकी अंतरिम रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया। पीठ ने रिपोर्ट को फिलहाल रिपोर्ट को अपने पास रखने के साथ ही समिति के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति नवाब सिंह, और अन्य सदस्यों के लिए पारिश्रमिक निर्धारित करने का भी फैसला किया। उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत ने सितंबर 2024 में इस समिति का गठन किया गया था।

इससे पहले 22 जनवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के अधिकारियों के ख़िलाफ़ अवमानना कार्यवाही की याचिका को स्थगित कर दिया था, क्योंकि अदालत ने पाया है कि भूख हड़ताल पर बैठे दल्लेवाल अपना उपवास तोड़े बिना ही उपचार करा रहे थे। अदालत ने यह भी उल्लेख किया था कि केंद्र के प्रतिनिधियों ने प्रदर्शनकारियों किसानों से मुलाकात की है ‌ और 24 फरवरी को चंडीगढ़ में एक और बैठक आयोजित की जाएंगी।

15 जनवरी को, शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार से दल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी थी। जो संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक हैं और उन्होंने 26 नवंबर 2024 को अनिश्चितकालीन भूख-हड़ताल शुरू की थी। दल्लेवाल द्वारा राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली चिकित्सा सहायता से इनकार करने के बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया था।

किसानों की मांग…………..

एसकेएम और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं, क्योंकि सुरक्षा बलों ने उनके दिल्ली कोच को रोक दिया था। आंदोलनकारी किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, पुलिसिया कार्यवाही में मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजा और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें – अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामला, आरोपी की मां ने दायर की याचिका, हाई कोर्ट ने पुलिस से मांगा जवाब।