केवल मुकदमें लड़ने से केंद्र सरकार ने खर्च कर दिए 400 करोड़, यह आंकड़े सुनकर चौक जायेंगे।
अगर कॉविड काल के दो वर्षों को छोड़ दें, तो पिछले 1 दशक में केंद्र सरकार द्वारा मुकदमें लड़ने में होने वाला खर्च बढ़ा ही है। अभी तो वर्ष 2022 और 23 के मुकाबले वित्त वर्ष 2023 और 24 में मुकदमे बाजी में 9 करोड़ रुपए ज़्यादा खर्च हुए हैं।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली ।
केंद्र सरकार ने पिछले एक दशक में कोर्ट केस लड़ने के लिए 400 करोड़ से ज़्यादा खर्च किए हैं।
अकेले वित्त वर्ष 2023 और 24 में ही मुकदमें बाजी में 66 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। यह जानकारी लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में केंद्र सरकार ने दी।
इतना ही नहीं, अगर कॉविड काल के दो वर्षों को छोड़ दें, तो पिछले एक दशक में केंद्र सरकार द्वारा मुकदमें लड़ने में होने वाला खर्च बढ़ा ही है। वित्त वर्ष 2022 और 23 के मुकाबले वित्त वर्ष 2023 और 24 में मुकदमें बाजी में 9 करोड़ रुपए ज़्यादा खर्च हुए हैं।
7 लाख मुकदमों में सरकार पक्षकार……………
वहीं कानून मंत्रालय ने इसी महीने राज्यसभा को बताया था कि देशभर की अदालतों में पेंडिंग क़रीब 7 लाख मुकदमों में केंद्र सरकार पार्टी है।
इसमें से करीब 2 लाख मुकदमों में वित्त मंत्रालय को पार्टी बनाया गया हैं। कानूनमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा था, ऐसे लगभग 7 लाख मामले लंबित है। जिनमें भारत सरकार एक पक्ष है।
इनमें से करीब 1.9 लाख मामलों में वित्त मंत्रालय को पक्षकार बताया गया है।।
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