केजरीवाल के शीश महल से गहमा-गहमी, प्रथम दृष्टया केजरीवाल के शीश महल की चर्चा।

भाजपा और कांग्रेस पहले से शीश महल और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी पर हमलावर हैं। शीश महल को लेकर आई कैग रिपोर्ट को लेकर दोनों दल अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के सरकार को लगातार घेर रहे हैं। मंगलवार को शीश महल के मसले पर प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल के घर का (3D) मॉडल दिखाते हुए शीश महल से गोल्ड प्लेटेड टॉयलेट सीट के गायब होने का आरोप लगाया। सत्ता में आने से पहले केजरीवाल ने घर, गाड़ी और अन्य किसी तरह की सुविधा नहीं लेने का वादा किया था। लेकिन गाड़ी लेने की नहीं बात करने वाले के लिए वाला गाड़ियों के काफ़िले में चलते हैं। गाड़ी वैगनआर नहीं बल्कि महंगी होनी चाहिए। यही नहीं केजरीवाल ने शीश महल में एक मिनी बार बनाया है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली। 

प्रथम दृष्टया केजरीवाल के शीश महल की चर्चाओं से यह ज़ाहिर होता है कि दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने कार्यकाल में निज के लिए किसी महल की तामीर कर ली है। यह ज़बरदस्त शिगुफा है जिसकी बातें गली चौराहे पर जा रही है। जिसे विगत दिनों कुछ दिल्ली में परिवर्तन रैली में प्रचार के दौरान पीएम ने कहा – 

दरअसल, बात यह है कि यह कथित शीश महल मुख्यमंत्री निवास है। जिसकी मरम्मत में और उसमें साज-सज्जा तथा ऐशो आराम की भारी क़ीमत वाली सामग्री खरीदी गई है। जिसका पर्दाफाश एक अखबारनबीस ने मय चित्रों के साथ किया है। आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री केजरीवाल इसलिए लोगों के निशाने पर हैं। हालांकि, परंपरा अनुसार अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से हटते ही उन्होंने इस निवास को खाली कर दिया। वह अब आतिशी सिंह जो वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं उनके नाम है।

यह सजावट आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित ‌हो सकती है। दिल्ली वासियों ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री जी के शासकीय निवास देखें होंगे, और जब इस मुख्यमंत्री निवास की तुलना करेंगे तो लोगों की पीड़ा निश्चित बढ़ेगी। उन्हें आम आदमी पार्टी जिसकी झाड़ू समानता के लिए चलने का वादा करती रहीं। उसके संयोजक केजरीवाल ने उन सब से दगा किया है। भाजपा ने मौके पर इस मुद्दे को उठाकर गहमा-गहमी फैला दी है।

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भाजपा कांग्रेस पहले से शीश महल और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी पर हमलावर है। शीश महल को लेकर आई कैग रिपोर्ट को लेकर दोनों दल अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सरकार को लगातार घेर रहे हैं। मंगलवार को शीश महल के मसले पर प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल के घर का 3 D मॉडल दिखाते हुए शीश महल से गोल्ड प्लेटेड टॉयलेट सीट के गायब होने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा है कि PWD की लिस्ट से कई महंगे सामान गायब है। और इसका जवाब केजरीवाल को देना होगा। सचदेवा ने कहा है कि शीश महल करप्शन का म्यूजियम है। जिसे अरविंद केजरीवाल ने बनाया है। केजरीवाल ने अपना बंगला बनाने के लिए आस-पास के कई मकानों को तोड़कर आधुनिक सुविधाओं से लैस एक शीश महल तैयार कराया। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों और न्यायाधीशों के आवास को तोड़ने का काम किया।

सत्ता में आने से पहले केजरीवाल ने घर, गाड़ी और अन्य किसी तरह की सुविधा नहीं लेने का वादा किया था। लेकिन गाड़ी नहीं लेने की बात करने वाले केजरीवाल गाड़ियों के काफ़िले में चलते हैं। गाड़ी वैगनआर नहीं बल्कि महंगी होनी चाहिए। यही नहीं केजरीवाल ने शीश महल में 1 मिनी बार  बनाया है। वियतनाम के पत्थर से घर को ख़ूबसूरत बनाने का काम किया गया और इसके लिए करोड़ों रुपए सरकारी खजाने से खर्च किया गया। उन्होंने कहा है कि शीश महल में महंगी महंगी सोफा सेट, 1000 लीटर का फ्रिज, लाखों रुपए के माइक्रोवेव ओवन, 12 से 15 शौचालय जिसमें गोल्ड प्लेटेड टॉयलेट सीट थी, जो अब गायब हो गई है। केजरीवाल ने शीश महल में महंगे स्पीकर के साथ कई एसी और अन्य सुविधाएं मौजूद है। शीश महल का निर्माण नियमों को ताक पर रखकर कोरोना संकट के दौरान किया गया है। शीश महल अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सबूत है।

कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर खर्च की गई राशि 171 करोड़ रुपए हैं। ना की 45 करोड़ रुपए है। मुख्यमंत्री के आवासीय परिसर के विस्तार के लिए उनकी सरकार को उन अधिकारियों के लिए अतिरिक्त फ्लैट खरीदने पड़े जिनके घरों को या तो ध्वस्त करा दिया गया था या खाली करा दिया गया था।

कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने केजरीवाल पर बनावटी तौर पर सदा जीवन जीने और अपने सरकारी आवास पर करोड़ों रुपए खर्च करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि यह रकम कॉविड महामारी के वक्त खर्च की गई, जब लोग बिस्तर और ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पतालों के चक्कर लगा रहे थे। माकन ने कहा है कि इसके उलट दिल्ली में सादगी की मिसाल उनकी पार्टी की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित थी।

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मुख्यमंत्री आवास पूर्ण निर्माण का अनुमान 7.61 करोड़ रुपए था। लेकिन टेंडर 8.62 करोड़ रुपए का निकला, यानी टेंडर की लागत 13.21% अधिक थी। कहा जा रहा है कि यह काम 2022 में 33.66 करोड़ रुपए की लागत से पूरा हुआ है। आश्चर्यजनक रूप से यह भी कोरोना काल से ही बनना शुरू हुआ है। ठीक वैसे ही जैसे इस कठिन काल में मोदी जी ने सेंट्रल विष्ठा के काम की शुरुआत की थी। इससे दोनों सत्ताधीशों की जनप्रियता पर शक होता है। केजरीवाल के आचरण पर इस निर्माण कार्य पर संदेह होता है कि उन्होंने निश्चित पिछले दरवाज़े से जमकर भ्रष्टाचार किया है। यह इसलिए भी संभव है कि उन्होंने इस राशि का उपयोग चुनाव फंड के लिए किया हो। जैसा शराब फंड भी नज़र आया। सबसे अहम और मुद्दे की बात यह है कि इनकम टैक्स कमिश्नर बनने के बाद ऐशो आराम उनकी आदत में शामिल रहा होगा। उसी जोश में उन्होंने मुख्यमंत्री निवास की साज-सज्जा को अंजाम दिया।

तीसरी बात यह है कि वह संघ की B टीम है। पैसे वसूलने और दिखावे में माहिर होते हैं। जनता इसे अच्छी तरह जानती हैं। इसलिए इस बार चुनावी रण से पहले विधूड़ी जैसे विदूषक और मोदी जी को उतरना पड़ा है। यह चुनाव बहुत दांव-पेंच वाला होगा। देखना यह है कि केजरीवाल इस बार अपनी लोकप्रिय छवि कैसे दिल्ली वासियों के बीच पहुंचे पाते हैं। ताज़ा आकलन में केजरीवाल को पीछे घसीटता नज़र आ रहा है। गठबंधन के साथ भी उनका खेला नहीं चलने वाला है। खुशी मनाइए कथनी और करनी में अंतर करने वाले एक और संघी की पहचान हुई है।