काशी विश्वनाथ धाम मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या 01 करोड़ के पार।
पिछले साल मार्च महीने के दौरान 31 दिनों में 95 लाख 63 हजार 432 श्रद्धालु ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन करके नया रिकॉर्ड बनाया था, मगर अब यह रिकॉर्ड ध्वस्त हो गया है। जनवरी के 30 दिनों के दौरान ही बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने वालों की संख्या एक करोड़ को पार कर गई है। प्रशासन और पुलिस के पसीने छूटे, भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए ज़िला और पुलिस प्रशासन के भी पसीने छूट गए हैं। शहर में उमड़ी भारी भीड़ को देखते हुए वाहनों को शहर के बाहर ही रोका जा रहा है। इसके बाद श्रद्धालुओं को पैदल या ऑटो रिक्शा की मदद लेनी पड़ रही है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ )TV 9 भारत समाचार वाराणसी (उत्तर प्रदेश )।
भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने निर्धारित समय से 2 घंटे अधिक समय तक मंदिर के कपाट खोलकर भक्तों को बाबा विश्वनाथ का दर्शन कराने का फैसला किया। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के आयोजन से काशी में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। महाकुंभ स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं का रेला लगातार काशी विश्वनाथ भी पहुंच रहा है। काशी में विश्वनाथ मंदिर के इर्द-गिर्द श्रद्धालुओं का भयंकर जमावड़ा लगा हुआ है। हालात यह है कि जनवरी के 30 दिनों के दौरान बाबा विश्वनाथ के दर्शनार्थियों की संख्या का पुराना रिकॉर्ड टूट गया है। 30 दिनों के दौरान बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 01 करोड़ को पार कर गई है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुराने दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती को 5 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
टूट गया रिकॉर्ड 01 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे बाबा धाम तक……….
एक करोड़ श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ धाम पहुंचने वाले हर 2 से 5 किलोमीटर लंबी श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने भी निर्धारित समय से 2 घंटे अधिक समय तक मंदिर के कपाट खोलकर भक्तों को बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए दर्शन कराने का फैसला किया है। भक्तों के भारी भीड़ को देखते हुए इस हफ्ते दूसरी बार यह कदम उठाया गया है। जब महाशिवरात्रि के इतर दिनों में शयन आरती का समय बीतने के बाद भी गर्भगृह के कपाट खोले रखें गए।
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पिछले साल मार्च महीने के दौरान 31 दिनों में 95 लाख, 63 हजार, 432 श्रद्धालु ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन करके नया रिकॉर्ड बनाया था, परंतु अब यह रिकॉर्ड ध्वस्त हो गया है। जनवरी के 30 दिनों के दौरान ही बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने वालों की संख्या 01 करोड़ को पार कर गई है। भारी भीड़ से प्रशासन और पुलिस के पसीने छूटने लगे। शहर में भारी भीड़ को देखते हुए वाहनों को शहर के बाहर ही रोका जा रहा है। श्रद्धालुओं को क़रीब 5 किलोमीटर पैदल चलकर गंगा घाटों पर स्नान के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन में कामयाबी मिल पा रही है। इसके लिए भी उन्हें कई-कई घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है।
गुरुवार को गिदौलिया, दशाश्वमेध, बांस फाटक, लक्सा और मैदागिन इलाकों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई थी। बाबा कालभैरव मंदिर से होते हुए 5 किलोमीटर लंबी भीड़ बाबा दरबार तक अनवरत दर्शन करने में जुटी हुई थी। सोनारकर और रथ यात्रा से भी कतार बनाकर श्रद्धालु और विश्वनाथ दर्शन के लिए पहुंचे। भारी भीड़ को देखते हुए दशाश्वमेध से गोदौलिया से गिरजाघर की ओर जाने वाले मार्ग को वापसी के लिए ‘वनवे’ कर दिया गया था।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए किसी अनहोनी से बचने के लिए पुरानी दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती को 5 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। गंगोत्री सेवा समिति प्रबंधन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह इस बदलाव को समझदारी के साथ स्वीकार करें और धैर्य बनाए रखें।
दशाश्वमेध घाट पर आरती करने वाले संस्था गंगा घाट सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि जब तक काशी में भारी भीड़ का प्रवाह बना हुआ है, तब तक गंगा आरती देखने के लिए ना आए।
उन्होंने यह भी अपील की है कि यदि कोई गंगा आरती देखने के लिए योजना बना रहा हो तो उसे अपनी यात्रा फिलहाल टाल देनी चाहिए। अस्सी और अन्य घाटों पर गंगा आरती करने वाले समितियों ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह प्रशासन की और से तय किए गए दिशा निर्देशों और व्यवस्थाओं का पूरी तरह पालन करें।
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