काशी में गंगा ले रही रौद्र रूप, डूबी पूजा की जगह

गंगा का जलस्तर बढ़ने से सीढ़िओ पर आना जाना बाधित।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार  वाराणसी (उत्तर प्रदेश)।   पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश से गंगा उफान पर है। आध्यात्मिक नगरी काशी में गंगा का जलस्तर 24 घंटे में 86 सेंटीमीटर बड़ा है। फिलहाल गंगा का जलस्तर बढ़ने की रफ्तार धीमी है। वर्तमान में दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से किनारे की सीढ़िया और मंदिर जलमग्न हो गए हैं।

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सिंधिया घाट स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर का गर्भ ग्रह जलमग्न हो गया है। इसी तरह अगर गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रही तो रोजाना होने वाली गंगा आरती की जगह भी बदली जा सकती है। घाट पर स्थित पुरोहित भरत पांडे ने चिंता जताई है भरत पांडे ने कहा कि जल स्तर बढ़ने से दिन में घाट के चार सीढ़ी तो वहीं रात में 6 सिढ़ि डूब रही है।

बाढ़ की स्थिति गंभीर लग रही है। पानी लगातार इसी तरह बढ़ता रहा तो सड़क पर पानी आने की संभावना है।भारत पांडे ने कहा कि जल स्तर बढ़ने से सीडीओ पर आना-जाना बाधित हो रहा है। जलस्तर लगातार बढ़ता रहा तो शीतला माता के चरणों को छू जाएगा। राजा हरिश्चंद्र घाट से लेकर मणिकर्णिका घाट तक पहुंचने का रास्ता बंद हो चुका है।

नाविक अनिल साहनी ने बताया की आरती की जगह डूबने वाली है हो सकता है आगे आरती की जगह भी बदली जा सकती है। नीचे स्थित कुछ मंदिर और पूजा की जगह डूब चुकी है। घाट पर स्थित श्रद्धालु कृष्ण लाल ने कहा कि फिलहाल स्थिति ठीक है। एक-दो दिन बाद जलस्तर बढ़ने से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। घाट पर नहाने में दिक्कत हो सकती है। पिछले दिनों की अपेक्षा जलस्तर के बढ़ोतरी काम हो गई है ।

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