जिंदगी अनमोल है, यह जानकर भी बन जाते हैं अनजान, दुर्घटनाओं से लिया सबक।

देश के कुछ राज्य में पहाड़ों पर अक्सर बड़े दुर्घटना होती है, तो सबको जानकारी हो जाती है कि लेकिन उसका मंथन नहीं होता है। पहाड़ी क्षेत्रों में सड़कों किनारें इस तरह के अवरोधक लगाने होंगे जिससे हादसा ना हो।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार (देश सड़क -सुरक्षा)। चालकों के साथ-साथ, सड़कों के देख-रेख करने वाली एजेंसियों की जानकारी होनी चाहिए। चालान से ज्यादा सुरक्षा पर ध्यान होना चाहिए। सड़क दुर्घटनाओं में जो वृद्धि हो रही है, उसके बारे में कोई भी सोचना नहीं चाहता है। वह सरकार हो या आमजन हो। लोग कहते हैं कि जिसका मरता है, वही उस तकलीफों को जानता है।

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देश के कुछ राज्यों में पहाड़ों पर अक्सर बड़ी दुर्घटना होती है तो सबको जानकारी हो जाती है लेकिन उस ओर मंथन नहीं होता है। उत्तराखंड, जम्मू – कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में न केवल चालकों की, बल्कि सड़कों की देख-रेख करने वाली एजेंसियों के लापरवाही के कारण अक्सर हादसे होते रहते हैं।

जब भी किसी राज्य में इस तरह की घटना होती है, तब संबंधित राज्य सरकार इन घटनाओं की जांच के लिए आदेश दे देती है। विभिन्न जांच समितियां भी बनाई जाती है और वह खामियों को दूर करने की सिफारिश भी करती है। लेकिन कुछ समय बाद फिर किसी हादसे की खबर आ जाती है। जाहिर है कि यह हादसा लापरवाही का नतीजा होता है।

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राज्यों में निजी वाहन भी यातायात नियमों का‌ खुलेआम उल्लंघन करने में नहीं चूकते हैं। दूसरी ओर कहीं पर बस खाई में गिरती है तो कहीं पर पहाड़ी घुमावदार होने के कारण इस तरह के हाथ से होते हैं। इस तरह के घटनाओं पर विराम लगाने के लिए राज्य सरकारों को कड़े कदम उठाने होंगे। पहाड़ी क्षेत्र में सड़कों के किनारे इस तरह के अवरोध लगाने होंगे कि कोई वाहन फिसलकर खाई में न गिरें। ऐसे स्थान को चिन्हित करना होगा। संबंधित विभाग को भी कर्तव्य का पालन करना होगा ताकि किसी भी परिवार का कोई चिराग ना भुजें। और सभी लोग सुगमता पूर्वक गाड़ियों,बसों द्वारा सुलभता से यात्रा कर सकें। जिसे कहीं दुर्घटना होने की संभावना न हो।