जालौर मृत बंदर को दे रहे थे समाधि, निकली प्राचीन हनुमान जी की मूर्ति, रहस्यमयी तरीके से हुई गायब मूर्ति।

जिस स्थान पर मूर्ति रखी गई है। वहां से मूर्ति गायब मिली। इस घटना की जानकारी ग्रामीणों ने सांचौर पुलिस को दी। मौके पर आए सांचौर थाने के एएसआई जाकाराम के द्वारा मौका रिपोर्ट बनाकर अनुसंधान शुरू किया गया।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार जयपुर (राजस्थान)। जालौर मृत बंदर को समाधि देते समय निकली हनुमान जी की मूर्ति तीसरे दिन रात को गायब हो गई। कस्बे के निकट हरिपुरा गांव के पास स्थित तालाब पर बंदर को समाधि देते समय निकली कई साल पुरानी हनुमान जी की मूर्ति को तालाब की पाल पर रखा था, जिसे ग्रामीणों ने साक्षात प्रकट हनुमान जी का रूप मानकर और तालाब के किनारे पाल पर उस मूर्ति को विराजित कर सुंदरकांड करवा कर पूजापाठ शुरू करवाया गया।

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वहीं, जिस स्थान पर मूर्ति रखी गई थी। वहां से वह मूर्ति गायब मिली। इस घटना की जानकारी ग्रामीणों ने सांचौर पुलिस को दी। मौके पर आए सांचौर थाने के सांचौर थाने के एएसआई जाकाराम के द्वारा मौका रिपोर्ट बनाकर अनुसंधान शुरू किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहें।

चूरू में भी मिली थी प्राचीन मूर्ति………………

गौरतलब है कि इससे पहले चुरू जिले के सुजानगढ़ उपखंड के पश्चिमी छोर में द्रोणगिरी की पहाड़ियों की तलहटी में बसे एक गांव गोपालपुरा में खुदाई के समय प्राचीन मूर्ति निकली थी। हालांकि मूर्ति किस देवता की है, और कितनी पुरानी है, इसे लेकर फिलहाल संशय बना हुआ है। पूरी तस्वीर पुरातत्व विभाग की जांच के बाद ही साफ़ हो पाएगी। बरहाल मूर्ति सुजानगढ़ के सदर थाने में रखवाई गई है। 

इसके बाद मजदूर मूर्ति को पत्थरों के साथ ट्रैक्टर ट्रॉली में डालकर एक क्रेशर पर ले गए। इसके बाद क्रेशर पर गांव के नारायण पुजारी की नज़र मूर्ति पर पड़ी।

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उसने मूर्ति को लेकर सुजानगढ़ वह बीदासर के जैन समुदाय के लोगों को भेजी। नारायण ने फोटो सोशल मीडिया पर भी वायरस की। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया। सदर थाना अधिकारी सुखराम चोटिया व तहसीलदार सुभाष स्वामी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मूर्ति को अपने कब्जे में लिया और थाने में रखवाया।