जय श्रीराम जागृत

दिनांक 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में हो रहे दशरथनंदन राजा श्री रामचंद्र जी के प्राण प्रतिष्ठा

शैलेन्द्र कुमार गुप्ता (बिहार स्टेट कोरेस्पोंडेंट) TV9 BHARAT SAMACH : बिहार प्रदेश इकाई भारतीय युवा कांग्रेस के प्रवक्ता श्री शशांक रंजन उर्फ एम० पी० महतो जी ने दिनांक 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में हो रहे दशरथनंदन राजा श्री रामचंद्र जी के प्राण प्रतिष्ठा पर एक सनातनी होने के नाते प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एक कांग्रेसी के रूप में मैं प्रसन्नचित हूं की अयोध्या पंडित जवाहरलाल नेहरू जी और गोविंद बल्लभ पंत जी के प्रयासों से राम जन्मभूमि करार दिया जा सका ऐसा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज हुसैन जी ने संसद में स्वीकार किया था।

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यह सर्वज्ञात है कि जिस राजीव गांधी जी को भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के द्वारा हिंदू मानने से इनकार किया जाता रहा है उन्होंने श्री राम जन्मभूमि का ताला खुलवाकर सर्वप्रथम श्री राम जन्मभूमि को हिंदुओं को समर्पित करने का काम किया था और भूमि पूजन के लिए 9 नवंबर 1989 को प्रबोधिनी एकादशी जिसे की हिंदू पंचांग में बहुत ही शुभ दिवस के रूप में अंगीकृत किया जाता है को स्वीकार किया था। माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि जो की 22 जनवरी 2024 है जो कि किसी भी प्रकार से भारतीय सभ्यता के अनुरूप शुभ कार्य के लिए उपयुक्त नहीं माना जा सकता है और इस दिन हमारे राजा के राज्याभिषेक के लिए भले ही उपयुक्त ना हो क्योंकि हमारे राजा अवधेश बनाकर कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन अर्थात दीपावली के दिन अवध नरेश के रूप में विराजित हुए थे। फिर भी स्वागत करता हूं अपने प्रभु का क्योंकि राजनीति नहीं होनी चाहिए धर्म के नाम पर और इसका जीवंत उदाहरण है भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी जिन्होंने कभी वोट नहीं मांगा सोमनाथ मंदिर हिंदुओं को समर्पित करके। प्रवक्ता श्रीमान महतो जी ने कहा कि हृदय प्रफुल्लित है इस गौरवशाली क्षण को देखकर कि प्रभु श्री राम हमारे बीच आ रहे हैं हार्दिक प्रसन्नता है हमारे जैसे सनातनी को इस लोकतांत्रिक भारत भूमि पर कि हमारे राजा का आशीर्वाद हमें सदैव की तरह प्राप्त होता रहे और हम फलते फूलते रहे। लेकिन दूसरी तरफ प्रवक्ता एम०पी० महतो जी ने दुख व्यक्त करते हुए इस बात की ओर भी संकेत दिया कि हमारे राजा तो आ गए इस देश में रामराज लाने की बात की जा रही है लेकिन इस राजाराम के प्रजा की संपदा को हड़प कर भागने वाले कब लाये जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी का नारा था मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन भारतीय जनता पार्टी यह कब कहेगी और कब करेगी कि भुगतान उन्हीं से करवाएंगे जिसने भुगतान पाकर जेबें भरी थी। दौर था 2019 के लोकसभा चुनाव का जब यह बात सोशल मीडिया पर प्रचारित किया जा रहा था कि विजय माल्या जैसे डिफाल्टर को लाया जा रहा है लेकिन 5 वर्ष बीतने को है शायद वह पैदल भी लाये जा रहे होते तो अब तक भारत भूमि पर उनका आगमन हो गया होता और भारतीय न्यायिक प्रणाली के तहत उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही होती। शोर मचाया जा रहा था कि ललित मोदी और नीरव मोदी को लाया जा रहा है जब यह हल्ला हुआ था तब से आज तक लगभग 6 वर्ष बीत गए लेकिन वे लाये नहीं जा सके कांग्रेस को इस बात से आपत्ति नहीं बल्कि प्रसन्नता है कि श्री रामलला जी विराजमान हो रहे हैं बस दुख इस बात की है कि जिस देश में रामराज आ रहा है वहां से जनता को लूट कर भागने वालों को क्यों नज़रअंदाज किया जा रहा है। ध्यान रहे भगवान श्री रामचंद्र जी ने अपने राज में अपने अनुज श्री लक्ष्मण जी महाराज को भी मृत्यु दंड देने से परहेज नहीं किया था जब उनकी आज्ञा का उल्लंघन हुआ था। भगवान श्री रामचंद्र जी न केवल हमारे इष्ट देव आराध्य देव हैं बल्कि वे हमारे धार्मिकता के प्रतीक हैं और अवधेश हमारे राजा भी हैं जिन्होंने अपनी प्रजा के खातिर अपना सर्वस्व त्याग करने से भी परहेज नहीं किया। जिन्होंने सत्ता को ठुकराते हुए अपनी मां का वचन निभाने के लिए चौदह वर्षों का वनवास स्वीकार किया उन्हें बारंबार नमस्कार है लेकिन धिक्कार है ऐसे लोगों पर जिन्होंने सत्ता के लिए क्षल और प्रपंच का रास्ता अपनाया। हमें प्रसन्नता इस बात की है कि मर्यादा पुरुषोत्तम आ रहे हैं लेकिन ध्यान इस बात की रहनी चाहिए कि उनके अगवानी के लिए ऐसे लोगों को जाना चाहिए जिनके पौरूषत्व में थोड़ी सी भी मर्यादा हो।