इजरायली सेना ने असद के भागते ही सीरिया में मचाई तबाही, गोलान हाइट्स पर किया कब्ज़ा।

सीरिया के सैन्य ठिकानों और रासायनिक हथियार फैक्ट्री पर हमले ईरान और रूस के प्रभावशाली सीरिया में अलकायदा से जुड़े सुन्नी विद्रोही गुट एचटीएस ने नियंत्रण स्थापित कर लिया है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद रूस भाग गए हैं। इस बीच अमेरिकी बॉम्बर्स ने इज़रायल के साथ मिलकर सीरिया के सैन्य ठिकानों और रासायनिक हथियारों की फैक्ट्रीयों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए हैं। जिससे वह पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। अमेरिका और इज़राइल को आशंका थी कि यह हथियार विद्रोहियों के हाथ लग सकते हैं।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार एजेंसी (नई दिल्ली )।

इजरायली सेना ने असद के भागते ही सीरिया में तबाही मचा रखी है। गोलान हाइट्स पर भी कब्जा कर लिया है। भड़क गए मुस्लिम देश इज़राइल और सीरिया के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। गोलान हाइट्स पर पूरी तरह से कब्ज़ा कर लिया गया है। 50 साल बाद इजरायली सेना ने सीरिया के अंदर घुसपैठ की है। इजरायली टैंक अब सीरिया की राजधानी दमिश्क के नज़दीक देखे जा रहे हैं। इस कदम ने पूरे मुस्लिम विश्व को भड़का दिया है। सऊदी अरब, कतर और इराक जैसे देशों ने इज़रायल की इस कार्यवाही की कड़ी निंदा की है। इज़राइल का यह कदम मध्य पूर्व से बड़े तनाव का कारण बन सकता हैं। मुस्लिम देश इस कार्यवाही के ख़िलाफ़ लामबंद हो रहे हैं। कूटनीति और सैन्य स्तर पर हालात और बिगड़ सकते हैं।

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सीरिया के सैन्य ठिकानों और रासायनिक हथियार फैक्ट्रीयों पर हमले ईरान और रूस के प्रभाव वाले अलकायदा से जुड़े सुन्नी विद्रोही गुट एचटीएस ने नियंत्रण स्थापित कर लिया है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद रूस भाग गए हैं। इसी बीच, अमेरिकी बॉम्बर्स ने इज़रायल के साथ मिलकर सीरिया के सैन्य ठिकानों और रासायनिक हथियारों की फैक्ट्रीयों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए हैं। जिससे वह पूरी तरह नष्ट हो गए हैं‌। अमेरिका और इज़रायल को आशंका थी कि यह हथियार विद्रोहियों के हाथ लगा सकते हैं। इज़रायली सेना ने भी ज़मीन पर कार्यवाही करते हुए पहली बार 1974 की संधि के बाद सीरिया में प्रवेश किया हैं।

उन्होंने गोलान हाइट्स के पास 10 किलोमीटर अंदर सीरियाई क्षेत्र में कब्जा कर एक बफर ज़ोन बना लिया है। इज़राइल का कहना है कि यह कदम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है व अस्थाई रूप से लिया गया है। रविवार को इज़रायली सेना ने गोलान हाइट्स के क्षेत्र में एक बफर ज़ोन स्थापित किया है। इससे इज़राइल को एक रणनीतिक लाभ मिला है, क्योंकि अब ईरान सीरिया के रास्ते लेबनान में हिजबुल्लाह को हथियार नहीं भेज सकेंगा।

50 साल बाद गोलान हाइट्स को सीरिया से अलग किया गया इज़रायली सेना ने 50 साल बाद गोलान हाइट्स को सीरिया से अलग कर दिया है। इसके बाद मुस्लिम देशों सऊदी अरब, कतर और इराक ने इस कदम को खतरनाक बताते हुए इसकी निंदा की है। बता दें कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के रोज भाग जाने के बाद तुर्की समर्थित विद्रोहियों ने देश के बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया है।

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इज़रायली सेना ने गोलान हाइट्स पर कब्ज़ा करने के साथ-साथ सीरिया की राजधानी दमिश्क के करीब तक अपने टैंक तैनात कर दिए हैं। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस “रणनीतिक सुरक्षा कदम” बताया और गोलान हाइट्स को “अनंत काल तक इज़रायल के नियंत्रण में रहने वाला क्षेत्र” घोषित किया।

मुस्लिम देशों की प्रतिक्रियाएं कतर…….

कतर ने इज़रायल के इस कम को सीरिया की संप्रभुता पर खुला हमला और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया है। कतर के चेतावनी दी है कि यह कदम क्षेत्र में हिंसा और तनाव को और बढ़ाएगा।

सऊदी अरब……..

सऊदी अरब ने इसराइल पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों के लगातार उल्लंघन का आरोप लगाया है। सऊदी अरब में गोलान हाइट्स और “अरब क्षेत्र” बताते हुए विश्व समुदाय से इज़रायली कदम की निंदा करने की मांग की है।

इराक………..

इराक ने इज़रायल की इस कार्यवाही को अंतरराष्ट्रीय नियमों का बड़ा उल्लंघन बताया और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा से हस्तक्षेप करने की अपील की।

सीरिया और इज़राइल का इतिहास 1967 का युद्ध……….

इज़रायल गोलान हाइट्स पर कब्ज़ा किया। 1974 का समझौता, इज़रायल और सीरिया के बीच संघर्ष विराम हुआ और बफर ज़ोन बना। बशर अल असद के हटने के बाद इज़रायल ने इस क्षेत्र को सीरिया से पूरी तरह काटकर अपने नियंत्रण में ले लिया।