इंडिया गठबंधन से बाहर होंगी ‘आप’, दिल्ली चुनाव परिणाम के बाद बढ़ी तकरार, कांग्रेस ने साफ़ किया रुख।
इस मामले में कांग्रेस नेता मुमताज पटेल का भी बयान सामने ने आया है। उन्होंने कहा है कि क्या आपकी जी सुनिश्चित करना कांग्रेस की जिम्मेदारी है? क्या उन्होंने गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र चुनाव में इसके बारे में सोचा था? मुमताज ने कहा कि कांग्रेस भारत में दूसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी है, अगर हमने आपके साथ गठबंधन किया होता तो आप सत्ता में आती, तो हमें इससे क्या फायदा होता?
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली ।
शनिवार को दिल्ली चुनाव के परिणाम सामने आए। जिसके पास राजधानी की सियासत में गर्माहट तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी की हार और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलना। इंडिया गठबंधन में लंबे समय से चले आ रहें आंतरिक क्लेश को हवा देने लगे और कई चुनावों विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में आपकी हार का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस बनकर सामने आई है।
राजीव शुक्ला ने दी प्रतिक्रिया……….
इसी बीच इन सवालों के जवाब में कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने अपने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि जब इंडिया गठबंधन बना था, तब यह तय हुआ था कि हम लोकसभा चुनाव साथ साथ मिलकर लड़ेंगे, और राज्यों में पार्टियां अपना फैसला ख़ुद ले सकती है। जब संसदीय चुनाव होंगे, तो हम एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। साथ ही यह पूछे जानें पर कि क्या आप गठबंधन में रहेंगी। कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि यह बात वरिष्ठ नेता करेंगे, कि आप गठबंधन में रहेंगी या नहीं। लेकिन विपक्षी एकता मजबूत है, और ऐसे ही रहेंगी।
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इस मामले में कांग्रेस नेता मुमताज पटेल का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि क्या आपकी जीत सुनिश्चित करना कांग्रेस की जिम्मेदारी है? क्या उन्होंने गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र चुनावों में इसके बारे में सोचा था? मुमताज ने कहा कि कांग्रेस भारत में दूसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी है, अगर हमने आपके साथ गठबंधन किया होता और आप सत्ता में आती, तो हमें इससे क्या फायदा होता?
आपने कभी कांग्रेस की मदद नहीं की- पटेल……
पटेल ने आगे कहा है कि आपने कभी भी कांग्रेस पार्टी की मदद नहीं की। अगर सभी राष्ट्रीय पार्टियां यह कहना चाहती है कि कांग्रेस पार्टी को हमेशा त्याग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं इसमें विश्वास नहीं करती। मुमताज ने यह भी कहा है कि इन सभी पार्टियों को यह समझ लेना चाहिए कि वह कांग्रेस के समर्थन के बिना कोई चुनाव नहीं जीत सकती।
शनिवार को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के परिणाम सामने आए। जहां 27 सालों के बाद भाजपा ने दिल्ली में भाजपा ने दिल्ली में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार में वापसी की। भाजपा ने 70 सीटों में 48 सीटों पर जीत दर्ज़ की। वही आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर ही सिमट गई। बात कांग्रेस की करें, तो दिल्ली में इस बार कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल सका।
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