तेजवापुर ब्लॉक में कैसे खत्म होगा कुपोषण ? गायब है सितंबर और अक्टूबर का पोषाहार
आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण में चलती है लिपिक की मनमानी
Anganwadi nutrition singer of the month of September & October in Tejwapur block of Bahraich : बहराइच। सरकार एक तरफ कुपोषण खत्म करने के लिए तरह-तरह की योजनाएं संचालित कर रही है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कुपोषण के मामले को लेकर संजीदा है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कुपोषण के मामले पर बीते दिनों प्रशासनिक अधिकारियों को अल्टीमेटम दे चुके हैं। लेकिन बहराइच जिले में कुपोषण के खिलाफ केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं को ब्लॉक परियोजना कार्यालय पर बैठे कुछ पोषाहार इंचार्ज पलीता लगा रहे हैं। बहराइच जिले के पांच विकास खंडों का सितंबर और अक्टूबर माह का पोषाहार गायब है। अधिकारी कह रहे हैं हमने भिजवा दिया है जबकि ब्लॉक कार्यालय पर बैठे इंचार्ज लिपिक क्या कहना है कि पोषाहार मिला ही नहीं। अब बहराइच की डीएम साहिबा को इस मामले में हस्तक्षेप करने की जरूरत है कि कौन सही है कौन गलत, अगर अधिकारी न चेते तो बहराइच में कुपोषण का ग्राफ और बढ़ेगा प्रदेश की समीक्षा बैठक में बहराइच के जिम्मेदार अधिकारियों को शर्मसार होना पड़ेगा।
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आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कुपोषण खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। लेकिन अधिकारियों और सरकार की मंशा पर ब्लॉक के कुछ पोषाहार इंचार्ज और जिम्मेदार लिपिकों की मनमानी भारी पड़ रही है। बहराइच जिले के तेजवापुर ब्लॉक में इसका नमूना देखने को मिल रहा है। ब्लॉक में आंगनबाड़ी केंद्रों को वितरित किए जाने वाला 2 माह का पोषाहार गायब है, तेजवापुर में वितरण की जिम्मेदारी संभाले बाबू का कहना है कि अभी पोषाहार आया नहीं है क्या बाँटे वहीं आंगनबाड़ी केन्द्रो पर पोषाहार सप्लाई करने वाले नेफेड के डीसी (जिला समन्वयक) का कहना है कि जिले के सभी ब्लॉक कार्यालय को आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरण के लिए पोषाहार भेज दिया गया है।
नेफेड के डीसी अजय यादव बोले सभी ब्लॉक में वितरण के लिए भेज दिया है पोषाहार, जबकि तेजवापुर के पोषाहार इंचार्ज लिपिक अमित निगम कह रहे कुछ नहीं मिला है क्या बंटवाएं… अब डीएम साहिबा चेक करें कौन सही है कौन गलत
आपको बता दें कि बहराइच जिले के विकासखंड तेजवापुर क्षेत्र में 82 ग्राम पंचायत स्थित हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में औसतन चार आंगनबाड़ी केंद्र हैं। सरकार ग्रामीण अंचलों में बच्चों और महिलाओं को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण योजनाओं का संचालन कर रही है। जिसके तहत प्रत्येक माह बच्चों, गर्भवती तथा धात्री महिलाओ को पोषाहार वितरण करने की व्यवस्था है। लेकिन इस व्यवस्था पर कार्यालय लिपिक की मनमानी भारी पड़ रही है।
तेजवापुर ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकत्रियों और सहायिकाओं ने बताया कि किसी प्रकार अगस्त माह में पोषाहार का वितरण किया गया था। उसके बाद पूरा सितंबर माह बीत गया अब तक पोषाहार नहीं मिला है अक्टूबर भी चल रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने बताया कि लगभग यही स्थिति प्रत्येक माह रहती है, कई माह का खाद्यान्न अब तक गायब हो चुका है। ऐसे में कुपोषण कैसे मिटाया जाए समझ में नहीं आ रहा। कार्यकत्रियों और सहायिकाओं ने बताया कि जब योजना का लाभ ही पात्रों को नहीं मिल पाएगा तो वह कुपोषण से मुक्त कैसे हो पाएंगे।
नेफेड के डीसी कह रहे हैं वितरण के लिए भेज दिया है, पोषाहार इंचार्ज लिपिक कह रहा नहीं मिला
सितंबर और अक्टूबर माह का पोषाहार/खाद्यान्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर न पहुंचने के मामले में जब विकासखंड तेजवापुर के आंगनवाड़ी कार्यालय के लिपिक अमित निगम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी पोषाहार ही जिला मुख्यालय से नहीं भेजा गया है तो क्या बाँटे।
वहीं तेजवापुर सीडीपीओ कार्यालय की लिपिक अमित निगम से वार्ता के बाद ब्लॉक कार्यालय को पोषाहार की सप्लाई करने वाले नेफेड के डीसी (जिला समन्वयक) अजय यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिले के सभी ब्लॉक कार्यालय को सितंबर और अक्टूबर माह का पोषाहार वितरण के लिए भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि दलिया की सप्लाई कम मिली थी लेकिन उसे भी पूरा किया गया है। जिला समन्वयक के इस बयान के बाद यह स्पष्ट है कि ब्लॉक कार्यालय पर पोषाहार इंचार्ज और लिपिक की मनमानी चल रही है। ब्लॉक कार्यालय से ही पोषाहार गायब किया जा रहा है। ऐसे में कुपोषण कैसे मिटेगा इस पर जिम्मेदार अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है।
सितंबर में कहा था पांच ब्लाकों में हुई है कटौती
एक तरफ नेफेड के जिला समन्वयक अजय यादव का कहना है कि सितंबर और अक्टूबर दोनों माह का पोषाहार ब्लॉक कार्यालयों को भेज दिया गया है वहीं ब्लॉक कार्यालय से सितंबर माह में जिम्मेदारों ने कहा था कि तेजवापुर के साथ ही पांच ब्लाकों में पोषाहार की कटौती की गई है। जबकि जिम्मेदारों का यह बयान बेसिर-पैर का लग रहा है क्योंकि पोषाहार में कटौती होगी तो कुपोषण के खिलाफ जंग कैसे लड़ी जाएगी। वही डीसी नेफेड सभी ब्लॉकों में पोषाहार भेजने की बात स्वीकार कर रहे हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि खेल ब्लॉक कार्यालय पर हो रहा है, कुपोषण के खिलाफ ब्लॉक के जिम्मेदार आड़े आ रहे हैं।
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