हरे भरे पेड़-पौधों को कटवाने की दे रहे हैं परमिशन, वन विभाग और उद्यान विभाग के अधिकारी।

पर्यावरण को बचाने के नगर के अलावा आस-पास के क्षेत्र में भी खूब चर्चा हो रही है कि लोगों की समझ में यह नहीं आ रहा है कि संबंधित अधिकारी किस आधार पर हरे भरे फल देने वाले आम के बाग कटवा रहे हैं। कुछ जागरूक लोग इस प्रकरण को लेकर शीघ्र ही लखनऊ मुख्यमंत्री से मिलने का प्रोग्राम बना रहे हैं। अब लकड़ी कटान माफियाओं ने पेड़ काटने का एक नया फार्मूला हिजात कर लिया है। वे पहले तो पेड़ों की टहनियों या मोटे गुद्देदार पेड़ों को काटते हैं। और मौका देखते ही रात के अंधेरे में हरे भरे पेड़ों पर आरा चलवा देते हैं।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार बिजनौर (उत्तर प्रदेश )।

वन विभाग और उद्यान विभाग के अधिकारी भी हो सकते हैं बराबर के शरीक।

हरे भरे पेड़-पौधों को कटवाने की दे रहे हैं परमिशन।

योगी सरकार को चुनौती दे रहे हैं लकड़ी माफिया वहीं अधिकारी क्यों है मौन?

दिनदहाड़े आम के हर भरे पेड़ों का जोरों से चल रहा है कटान अधिकारी क्यों है मौन?

कभी रात के अंधेरे में तो कभी दिनदहाड़े लकड़ी माफिया आरा चला कर भरे भरे पेड़ों का नामोनिशान मिटाने में लगे हैं।

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यह पूरा मामला किरतपुर नगर का है। जहां खुलेआम हरे भरे पेड़ पर चलाया जा रहा है आरा। वहीं, लकड़ी माफिया का आरा रुकने का नाम नहीं ले रहा हैं। दीनदयाल लकड़ी माफिया पहले रातके अंधेरें में हरे भरे पेड़ों को काट रहे थे परंतु अब भ्रष्टाचार के नारे को खत्म करने वाले योगी सरकार में भी दिनदहाड़े हरे भरे पेड़ों को काटा जा रहा है। अधिकारी मौन है वहीं अपना पीछा छुड़ाने के लिए पेड़ काटने की परमिशन दिखाकर पल्ला झाड़ लेते हैं।

पर्यावरण को बचाने के लिए नगर के अलावा आस-पास के क्षेत्र में भी खूब चर्चा हो रही है। लोगों की समझ में यह नहीं आ रहा है कि संबद्ध अधिकारी किस आधार पर हरे भरे फल देने वाले आम के बागों को काट रहे हैं। कुछ जागरूक लोग इस प्रकरण को लेकर शीघ्र ही लखनऊ मुख्यमंत्री से मिलने का प्रोग्राम बना रहे हैं। अब लकड़ी कटान माफिया उन्हें पेड़ काटने का एक नया फॉर्मूला अपना लिया है। वह पहले तो पेड़ों की टहनियों और फिर मोटे गुद्देदार पेड़ों को काटते हैं, और मौका देखते ही रात के अंधेरे में हरे भरे पेड़ों पर आरा चलवा देते हैं।

उनका नाम नामोनिशान मिटाने के लिए जेसीबी मशीन द्वारा जड़े निकाल कर समतल कर देते हैं। गोपनीय सूत्रों का कहना है कि हरे भरे पेड़ों की लकड़ी कटान के इस अवैध कार्य में कटान माफिया ही नहीं बल्कि वन विभाग और उद्यान विभाग के अधिकारी बराबर के शरीक हैं, जो हरे भरे पेड़ों को कटवाने की परमिशन दे रहे हैं।

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