फांसी दो, फांसी दो! पत्रकार के हत्यारे को फांसी दो, धरना शोकसभा और नारेबाजी के साथ पत्रकारों ने सौंपा ज्ञापन
पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग, मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की अपील
रिपोर्ट : राजीव कृष्ण श्रीवास्तव : कौशांबी। सीतापुर जनपद में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की निर्मम हत्या के विरोध में पत्रकारों का आक्रोश चरम पर है। पत्रकार सुरक्षा और न्याय की मांग को लेकर कौशांबी जिले में न्यू प्रेस क्लब के अध्यक्ष विमलेश शुक्ला के नेतृत्व में पत्रकारों ने जोरदार प्रदर्शन किया।

पत्रकारों की तीन प्रमुख मांगें:
1. हत्या के दोषियों को फांसी दी जाए।
2. मृतक के परिवार को 2 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
3. पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।
पत्रकार संगठनों की एकजुटता
धरना प्रदर्शन में न्यू प्रेस क्लब, भारतीय पत्रकार संघ, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब और विश्व पत्रकार महासंघ समेत कई संगठनों के पत्रकारों ने हिस्सा लिया। सभी ने एक स्वर में कहा कि यदि सरकार जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो यह आंदोलन और उग्र होगा।
धरने में विमलेश शुक्ला, सुशील केसरवानी, अली मुक्तजा, अभिसार भारतीय, सुबोध केसरवानी, अमित शुक्ला, सुशील मिश्रा, शिव शंकर मोदनवाल, उत्तम मिश्रा, शिव शंकर तिवारी, रजनीश तिवारी, मनोज सिंह, जिया रिजवी, महेंद्र शुक्ला, राकेश केशरी, करण सिंह, ध्यान सिंह, निश्चल पाण्डेय, निरंजन चौधरी, विपुल तिवारी, कुलदीप कुमार, संजीत सिंह (रिंकू), अंकित मिश्र, संजय वर्मा, शैलेन्द्र द्विवेदी, श्रवण तिवारी और नरेंद्र द्विवेदी समेत कई पत्रकार मौजूद रहे।
सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग
पत्रकारों ने प्रशासन से मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दी जाए। उनका कहना था कि अगर पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हुई, तो मीडिया की स्वतंत्रता खतरे में पड़ जाएगी।
आगे की रणनीति
अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो प्रदेशभर के पत्रकार उग्र आंदोलन करेंगे और जरूरत पड़ी तो देशव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा। पत्रकारों ने एकजुट होकर न्याय की लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया।