“हम चुप रहना पसंद करेंगे”, सांसदों के धक्का- मुक्की मामले में CISF‌ का जवाब।

सीआईएसएफ के उपमहानिरीक्षक श्रीकांत किशोर ने एक कांफ्रेंस में कहा है सीआईएसएफ की तरफ से कोई चूक नहीं हुई है। उन्होंने कहा है कि चूक से आपका मतलब है कि कुछ हथियारों को अंदर जाने दिया गया है तो मैं आपको बता सकता हूं कि किसी भी हथियार को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। किशोर ने कहा है कि जब संसद आरोप लगाएंगे तो बल चुप रहना पसंद करेगा।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली ।

संसद परिसर में सांसदों के बीच हुई धक्का-मुक्की मामले में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सोमवार को सीआईएसएफ ने कहा है कि उसकी ओर से कोई चूक नहीं हुई है। हालांकि, सांसदों के आरोप पर वह चुप रहना ही पसंद करेगा। 

संसद भवन परिसर की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ के पास है। सीआईएसएफ के डीआईजी श्रीकांत किशोर ने कहा है कि घटना के दौरान बल ने उचित तरीके से और तय प्रोटोकॉल के अनुसार काम किया। झड़प के समय सीआईएसएफ की ओर से कोई चूक नहीं हुई है।

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सीआईएसएफ के महानिरीक्षक श्रीकांत किशोर ने एक कॉन्फ्रेंस में कहा है कि सीआईएसएफ की तरफ से कोई चूक नहीं हुई है। उन्होंने कहा है कि चूक से आपका मतलब है कि हथियारों को अंदर जाने दिया गया है तो मैं आपको बता सकता हूं कि किसी भी हथियार को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। किशोर ने कहे कि जब सांसद आरोप लगाएंगे तो बल चुप रहना पसंद करेगा।

श्रीकांत किशोर ने कहा है कि सीआईएसएफ 19 दिसंबर को संसद भवन परिसर के मकर द्वार पर हुई घटना की कोई जांच नहीं कर रहा है। आपको बता दें कि संसद परिसर में विपक्ष और सत्तारूढ़ भाजपा सांसदों के बीच धक्का-मुक्की के दौरान भाजपा सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। इसके बाद भाजपा की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी के ख़िलाफ़ FIR दर्ज़ की।

प्रोटोकॉल के मुताबिक नहीं होती है जांच……….

श्रीकांत किशोर ने कहा है कि संसद में आने वाले सभी सांसदों की जांच प्रोटोकॉल के मुताबिक नहीं की जाती है। इसी साल जून में संसद भवन परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ को मिली थी। सीआईएसएफ के खिलाफ शिकायतों के सवाल पर किशोर ने कहा है कि सांसद, परिसर में काम करने वाले आंगतुक काम से बहुत संतुष्ट और खुश हैं।

श्रीकांत किशोर ने कहा है कि हमने अपने जवानों को संसद की सुरक्षा के लिए उचित ट्रेनिंग दी है। सांसदों समय सभी लोग परिसर की सुरक्षा को और बेहतर बनाने में योगदान दे रहे हैं। संसद की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने आगे कहा है कि संसद की सुरक्षा विभाग सत्र के दौरान सदन में एक सीट से मिली नगदी समेत सुरक्षा जुड़े अन्य सवालों का जवाब देने में सक्षम हैं।

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