गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बड़ी। पंजाब सरकार ने मुकदमा चलाने की मंजूरी दी।

रेप और हत्या के मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा, सरकार ने राम रहीम के खिलाफ बेअदबी मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार (चंडीगढ़)। चंडीगढ़। रेप और हत्या के मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ सकती है, पंजाब की भगवंत मान सरकार ने राम रहीम के खिलाफ सन 2015 के तीन बेअदबी के मामलों में मुकदमे चलाने की इजाजत दे दी है। ईशनिंदा के मामले में करीब चार दिन पहले पंजाब सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईशनिंदा से जुड़े मामलों पर हाई कोर्ट की ओर से लगाई गई रोक को हटा दिया गया है, साथ ही इस मामले में डेरा प्रमुख को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है।

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डेरा मुखी गुरमीत सिंह राम रहीम से मुश्किलें बढ़ गई है। दरअसल, पंजाब सरकार ने ईशनिंदा से जुड़े तीन मामलों में राम रहीम के खिलाफ मुकदमा चलाने की ज्यादा दे दी है। अब उनकी सुनवाई फरीदकोट में होगी। भविष्य में जरूरत पढ़ने पर राम रहीम से पूछताछ की जा सकती है। 

जाने क्या है पूरा ममला-

ईशनिंदा का यह पूरा मामला जून 2015 में शुरू हुआ था, जब फरीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में एक गुरुद्वारा से गुरु ग्रंथ साहब की प्रतिमा चोरी हो गई थी, इसके बाद सितंबर में फरीदकोट के जवाहर सिंह वाला और बरगारी गांवों में पवित्र ग्रंथ के खिलाफ हाथ से बनाए गए अपमानजनक पोस्टर लगाए गए थे। उसी साल अक्टूबर में बरगारी मैं एक गुरुद्वारे के पास पवित्र ग्रंथ के कहीं फटे हुए हिस्से बिखरे मिले थे, बाद में हालात ऐसे हो गए की पंजाब में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। राज्य पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई, जिसमें दो आंदोलनकारी मारे गए, इस दौरान पंजाब में सामाजिक और राजनीतिक अशांति बढ़ गई।

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12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज-

गुरु ग्रंथ साहिब की छवि की चोरी और अपवित्र जुड़े तीन मामलों में कुल 12 लोगों को नामजद किया गया था, शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी की पिछली गठबंधन सरकार ने नवंबर में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

पंजाब विधानसभा में भी उठा यह मुद्दा –

पंजाब विधानसभा में भी ईशनिंदा पर मुद्दा उठा था, कांग्रेस विधायकोंने इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा था कि डेरा मुखी की फाइल करीब ढाई साल से मुख्यमंत्री कार्यालय में पड़ी है, मुख्यमंत्री के पास सिर्फ गृह विभाग है, लेकिन सरकार की ओर से इसे मंजूरी नहीं दी जा रही है, इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने भी विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था, हालांकि सीएम भगवंत मान ने साफ कहा था कि इस मामले में नए तथ्य सामने आए हैं, साथ ही इस मामले में उचित कार्यवाही की जाएगी।