ग्राम सभा की भूमि पर लगेंगे उद्योग, बनेंगे मिनी क्लस्टर, गांव में मिलेगा रोजगार
ग्राम सभा की भूमि को मिनी इंडस्ट्रियल एरिया की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
मुकेश कुमार (क्राइम ऐडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में फैक्ट्री लगाने को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत भूमि आवंटन से संबंधित ब्लाक के उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी। ग्रामीण इलाकों में उद्योग लगाने के लिए ग्राम सभा की जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा। ग्राम सभा की पांच एकड़ या इससे अधिक जमीन चिन्हित कर उद्योग निदेशालय को मुफ्त में दी जाएगी। इन जमीनों को मिनी इंडस्ट्रियल एरिया के तर्ज पर विकसित किया जाएगा। उद्यमियों को जमीन का आवंटन संबंधित जिले के सर्किल रेट से होगा।
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जिस गांव की जमीन अधिग्रहित की जाएगी प्राथमिकता के आधार पर उस ब्लॉक के उद्यमियों को पहले जमीन दी जाएगी। गांव से पलायन रोकने के लिए ग्रामीण इलाकों को ही उद्योगों से लैस करने की योजना बनाई गई है। गांव-गांव में इंडस्ट्री के तहत इसका खाका तैयार किया गया है। इससे एक तरफ एमएसएमई इकाइयों को शहरों की तुलना में सबसे सस्ते दाम पर जमीन मिलेगी, तो दूसरी तरफ ग्रामीणों को अपने ही गांव के आसपास रोजगार मिल सकेगा। इसके तहत ग्रामीण इलाकों में ग्राम सभा की जमीन को लघु औद्योगिक स्थान मिनी इंडस्ट्रियल कलेक्टर के रूप में विकसित किया जाएगा।
कम से कम 5 एकड़ जमीन पर क्लस्टर बसाए जाएंगे। राजस्व विभाग ग्राम सभा की जमीन एमएसएमई विभाग को उपलब्ध कराएगी। इस जमीन को उद्योगों के लिए तैयार करने का जिम्मा उद्योग में उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय को दिया गया है। कामन ट्रीटमेंट प्लांट, इफ्युलिएंट ट्रीटमेंट प्लांट, सड़क, सीवर, आबाद बिजली व पानी सहित सभी सुविधाओं से लैस करने के बाद यह जमीन संबंधित जिले के सर्किल रेट से उद्यमियों को दी जाएगी। सभी एक्सप्रेस वे सहित निर्माण अधिनियम एक्सप्रेसवे से 5 किमी की दूरी में आने वाले ग्राम सभा की जमीन का भी अधिग्रहण किया जाएगा। इन्हें विकसित कर उद्यमियों को सौप जाएगा।
अनुमान के मुताबिक इस पहल से पहले चरण में कम से कम 500 नए मिनी क्लस्टर का जन्म होगा और 11000 करोड़ का निवेश होगा। कम से कम 25000 नई इकाइयों बनेगी। इनमें करीब ढाई लाख लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान का कहना है, कि ग्रामीणों को उनके घर के आसपास ही रोजगार व स्वरोजगार देने की पहल की जा रही है। इसके लिए ग्राम सभा की जमीन पर मिनी औद्योगिक कलेक्टर विकसित करने का प्रस्ताव है। इस पहल से गांव गांव की आर्थिक स्थिति में अप्रत्याशित बदलाव आएगा। कुशल और अकुशल दोनों ही हाथों को उनके घर पर रोजगार मिलेगा।
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