गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है? जानें इसका महत्व और पूजन का शुभ मुहूर्त?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ,भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से बृजवासियों को बचाने के लिए अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार जयपुर (राजस्थान)। हर साल कार्तिक मास की प्रति पदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है। इस बार गोवर्धन पूजा का उत्सव 2 नवंबर 2024 यानी आज मनाया जा रहा है। आज के दिन घर के बाहर गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है और उसकी पूजा की जाती है। यह दिन इंद्रदेव पर भगवान श्री कृष्ण की विजय के रूप में मनाया जाता है।
यह भी पढ़ें – 70,000 हजार रुपये का विवाद, चाचा -भतीजे को गोलियों से भूना।
क्यों मनाया जाता है गोवर्धन पूजा का पर्व?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्णा ने इंद्र के क्रोध से बृजवासियों को बचाने के लिए अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया था। इसके बाद सभी बृजवासी बारिश से बचने के लिए पर्वत के नीचे खड़े हो गए, जिससे उनका इंद्रदेव के क्रोध से बचाव हुआ। इसके बाद बृजवासियों ने भगवान श्री कृष्ण की पूजा की और भोग अर्पित किए। इस समय से गोवर्धन पर्वत को पूजने की परंपरा का शुभारंभ हुआ था, इस दिन अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।
सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा विशेष महत्व है, इस दिन प्राकृतिक संसाधनों की पूजा की जाती है। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की की भी पूजा की जाती है।
यह भी पढ़ें – पीएम नरेंद्र मोदी ने दी 12,850 करोड़ की स्वास्थ्य परियोजनाओं की सौगात, 70 से ऊपर के बुजुर्गों को मिला आयुष्मान।
माना जाता है कि ऐसा करने से आने से आने वाली पीढ़ी प्रकृति के महत्व को समझेगी। इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा और परिक्रमा को भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त –
गोवर्धन पूजा उत्सव इस बार 2 नवंबर 2024को मनाया जाएगा। आई आपको बताते हैं इस दिन पूजा करने के शुभ मुहूर्त ……..
पूजा का प्रातः काल मुहूर्त …… सुबह 6:34 बजे से लेकर 8:46 बजे तक रहेगा।
पूजा का संध्याकाल मुहूर्त…….. दोपहर 3: 23 बजे से लेकर 5:35 बजे तक रहेगा।
पूजा का विजय मुहूर्त……. दोपहर 02:09 बजे से लेकर 02:56 बजे तक रहेगा।
पूजा का गोधूलि मुहूर्त…….. शाम 6:05 बजे से लेकर 6:30 बजे तक रहेगा।
अमृत काल……. रात्रि 8:16 बजे से लेकर 10:02 बजे तक रहेगा।