गाजा में अपनों को ही मार रही थी इज़रायली सेना? नेतन्याहू के पुराने साथी का बड़ा कबूलनामा इज़रायल के पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैंलेट।
इज़रायल ने हमास पर आरोप लगाया है कि उसने 7 अक्टूबर के हमले में करीब 1100 इज़रायली सैनिकों और नागरिकों की हत्या की। लेकिन गैलेंट के बयान से संकेत मिलता है कि इज़रायली ने भी इस दौरान कई इजरायली सैनिकों और नागरिकों की हत्या की हो सकती है। इस हमले के दौरान, इज़रायली ने अपनी ही भूमि पर हेलीकॉप्टर, ड्रोन और टैंकों का इस्तेमाल किया।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ )TV 9 भारत समाचार एजेंसी (नई दिल्ली )।
नेतन्याहू के पुराने साथी का बड़ा कबूलनामा इज़रायल के पूर्व रक्षामंत्री योआव गैंलेट ने बाद कबूलनामा किया है। दावा किया गया है कि उन्होंने इजरायली सेना 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के नेतृत्व में हुए हमले के दौरान विवादास्पद “हैनिबेल डायरेक्टिव” को लागू करने की अनुमति दी थी। गैलेंट ने पुष्टि की है कि उन्होंने कुछ विशेष क्षेत्रों में इस सैन्य नीति को लागू करने का आदेश दिया था।
क्या है हैनिबल डायरेक्टिव……..?
हैनिबल डायरेक्टिव इज़रायली सेना की एक सैन्य नीति हैं। जिसमें इज़रायली सैनिक और नागरिक दुश्मन के क़ब्ज़े में न जाएं। भले ही इसके लिए उनकी जान ही क्यों न लेनी पड़े। यह नीति अत्यधिक विवादास्पद रही है। कई युद्धों में इसे अनौपचारिक रूप से लागू किया जाता है। सबसे पहले यह नीति 1982-2000 के लेबनान संघर्ष के दौरान बनाई गई थी। इस नीति के प्राथमिकता दुश्मन को रणनीतिक लाभ लेने से रोकना है। भले ही इसके लिए अपने ही लोगों की सुरक्षा दाव पर लगानी पड़े।
इज़रायल ने हमास पर आरोप लगाया है कि उसने 7 अक्टूबर के हमले में क़रीब 1100 इज़रायली सैनिकों और नागरिकों की हत्या की। लेकिन गैलेंट के बयान से संकेत मिलता है कि इजरायली सेना ने भी इस दौरान कई इज़रायली सैनिकों और नागरिकों की हत्या की हो सकती है।
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इस हमले के दौरान, इज़रायली सेना ने अपनी ही भूमि पर हेलीकॉप्टर, ड्रोन और टैंकों का इस्तेमाल किया। इस हमले में हमास के लड़ाकों को निशाना बनाया गया। लेकिन उन इज़रायली नागरिकों को भी नुक्सान पहुंचा। जिन्हें हमास ने बंधक बना लिया था। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायली हमले के दौरान, “नोवा म्यूजिक फेस्टिवल ” में भी हेलीकॉप्टरों से फायरिंग की गई। जिसमें कई नागरिक हताहत हुए।
हिजबुल्लाह के ख़िलाफ़ बड़े हमले की मांग…
गैलेंट ने यह भी खुलासा किया है कि उन्होंने 11 अक्टूबर, 2023 को हिजबुल्लाह पर एक बड़े हमले की वकालत की थी। लेकिन इज़रायल सरकार की निष्क्रियता के कारण यह नहीं हो सका। उन्होंने इस चूक को “इज़रायल की सबसे बड़ी सुरक्षा विफलता” करार दिया। गैलेंट के अनुसार, इज़रायल के पास हिजबुल्लाह के शीर्ष नेताओं की बैठक की खुफिया जानकारी थी। जहां वे उसके हसन नसरल्लाह और ईरानी अधिकारियों को निशाना बना सकते थे। उनका दावा है कि अगर इस हमले को अंजाम दिया जाता, तो हिजबुल्लाह के 90% से अधिक मिसाइल भंडार को नष्ट किया जा सकता था।
नेतन्याहू सरकार पर साधा निशाना…..
पूर्व रक्षामंत्री ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी कैबिनेट पर आरोप लगाया कि उन्होंने हमास के साथ युद्धविराम समझौते में देरी की। उनका दावा है कि अप्रैल 2024 में एक समान शांति समझौता तैयार था। जिससे बंधकों की सुरक्षित रिहाई संभव थी। कम संख्या में फिनिस्तानी कैदियों को छोड़ा जाता। गैलेंट ने कहा, मुझे लगता है कि इसराइली सरकार ने बंधकों के वापसी के लिए यह सब कुछ नहीं किया, जो किया जा सकता था। हमारे द्वारा पकड़े गए 251 इज़रायली बंधकों में से कई इज़रायली हवाई हमलों और फ्रेंडली फायर के कारण मारे गए।
7 अक्टूबर, 2023 के हमले के कारण जनवरी 2024 में इज़रायल के शीर्ष जनरल हैरज़ी हालेवी ने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने मुझे ख़ुफ़िया और सुरक्षा की भयानक विफलता बताया। इस हमले के बाद से, इसराइल ने गाजा पर लगातार सैन्य हमले किए। जिनमें अब तक कम से कम 47000 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। जबकि कुछ अनुमानों के अनुसार, यह संख्या 2 लाख से अधिक हो सकती है।
8 फरवरी को तीन इज़रायली बंधकों को रिहा किया गया। इसके बदले 183 फिलिस्तीनी कैदियों और बंधियों को रिहा किया जाना है। हमास के सैन्य विंग अल कसम ब्रिगेड के अनुसार, इज़रायल ने मानवीय सहायता में देरी कर युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन किया है। अब तक 21 इज़रायली और 15 थाई बंधकों का रिहा किया गया है। जबकि समझौते के पहले चरण में सैकड़ो फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया गया।
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