गर्भवती महिला को एंबुलेंस नहीं मिलने पर, बर्खास्त होंगे तीन कर्मचारी।
कुसमी की एंबुलेंस भेजने की बात हुई, इसके पहले प्रसव पीड़ा बढ़ने पर महिला का पति सामान ढोने वाले हाथ रिक्शा में गर्भवती को लेकर अस्पताल जाने लगा। जिससे नवजात की मौत हो गई।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार सीधी (मध्य प्रदेश)। सीधी शहर एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने के मामले में तीन एंबुलेंस के कर्मचारी बर्खास्त किए जाएंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश की ओर से प्रदेश में 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन करने वाली जेएईएस कंपनी को पत्र लिखकर कर कार्यवाही करने के लिए कहा गया है।
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एंबुलेंस के ड्राइवर और इमरजेंसी मैनेजमेंट टेक्नीशियन पर कार्यवाही होगी। कंपनी पर एनएचएम की ओर से पहले ही चार लाख, 56 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया जा चुका है। इसकी वसूली कंपनी के देयकों से की जाएगी। बता दें की सीधी कोटहा मोहल्ला की रहने वाली गर्भवती उर्मिला रजक के पति कृष्ण कुमार ने 1 नवंबर की रात 108 एम्बुलेंस के लिए फोन किया लेकिन प्रसव पीड़ा से कराहती उर्मिला को अस्पताल जाने के लिए 1 घंटे तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची।
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बाद में उनके लिए सीधी की जगह कुसमी की एंबुलेंस भेजने की बात हुई। इसके पहले प्रसव पीड़ा बढ़ने पर महिला का पति सामान ढोने वाले हाथ रिक्शा में गर्भवती महिला को लेकर अस्पताल जाने लगा। अस्पताल से 2 किलोमीटर पहले रास्ते में ठेले पर ही महिला का प्रसव हो गया। जिसे नवजात शिशु की मौत हो गई।
इंटरनेट मीडिया में फोटो और वीडियो वायरल होने के बाद अब लोक स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग की ओर से कार्यवाही की जा रही है। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने भी सीएमएचओ और सिविल सर्जन को नोटिस जारी करने के लिए कहा है।