फ्री की रेबड़ी कब तक बांटेंगे, रोजगार के मौके बनाने पर दें ध्यान सुप्रीम कोर्ट।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकारों की ओर से फ्री में दी जा रही सुविधाओं को लेकर सवाल उठाया है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने उसे वक्त हैरानी जताई जब केंद्र में अदालत को बताया गया की 21 करोड लोगों को राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के तहत मुफ्त या सब्सिडी वाला राशन दिया जा रहा है।
मुकेश कुमार( क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार सुप्रीम कोर्ट (नई दिल्ली )।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकारों की ओर से फ्री में दी जा रही सुविधाओं को लेकर सवाल उठाया है। कोर्ट ने पूछा कि आखिर फ्री की रेबड़ी कब तक बांटी जाएगी? कोर्ट ने कहा कि कॉविड महामारी के बाद से मुफ्त राशन प्राप्त कर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार के अवसर बनाने की जरूरत है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने उस वक्त हैरानी जताई जब केंद्र अदालत को बताया कि 81 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मुफ्त या सब्सिडी वाला राशन दिया जा रहा है। इस पर बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा,” इसका मतलब है कि केवल टैक्स पेयर्स ही बाकी है.”
एनजीओ की ओर से दायर एक मामले में पेश हुए एक वकील प्रशांत भूषण ने कहा है कि उन प्रवासी मजदूरों का मुख्य राशन मिलना चाहिए जो ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत है. इस पर बेंच कहा , फ्रीबीज़ कब तक दिए जाएंगे? क्यों ना हम इन प्रवासी मजदूरों के लिए रोज़गार के अवसर, रोजगार और क्षमता निर्माण का काम करें?
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