विधायक मनोज मंजिल सहित 23 लोगों को आजीवन कारावास की सजा पर जताया आक्रोश

राज्यव्यापी आह्वान पर भाकपा-माले ने निकाला विरोध मार्च

शैलेन्द्र कुमार गुप्ता,प्रदेश संवाददाता :भागलपुर /बिहार। आरा न्यायालय द्वारा अगिआंव के विधायक मनोज मंजिल सहित 23 लोगों को राजनीतिक दुर्भावना से ग्रसित होकर दी गई आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध दिवस के आह्वान पर भाकपा-माले ने भागलपुर शहर सहित नौगछिया व कहलगांव में प्रतिवाद किया। शहर में स्थानीय सुरखीकल स्थित यूनियन कार्यालय से तिलकामांझी चौक तक विरोध मार्च निकाल कर आक्रोश जताया।

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मार्च का नेतृत्व कर रहे भाकपा-माले के नगर प्रभारी व ऐक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त ने मौके पर कहा कि एक तरफ जहां झूठे मुकदमे में भाकपा-माले के नेताओं-कार्यकर्ताओं को सजा सुनाई गई, वहीं न्यायालय ने दलित-गरीबों के हत्यारे को लगातार बरी करने का काम किया है। बिहार में सत्ता बदलते ही भाजपाई अपने रंग में आ गए, लेकिन उनके नापाक मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। जेल व दमन के जरिए दलितों-गरीबों की आवाज नहीं दबाई जा सकती है।

उन्होंने कहा कि मनोज मंजिल ‘सड़क पर स्कूल आंदोलन’ के चर्चित नेता व दलित-गरीबों के ‘वास-आवास’ आंदोलन और ‘कोरोना काल में जन सेवा’ की मिसाल कायम करने वाले भाकपा-माले के युवा विधायक है। इन्हें भाजपाई साजिश का शिकार बनाया गया है। भाजपाई जब सीधे तौर से नहीं निपट सके तो इस तरह छल-प्रपंच कर गरीबों-दलितों, सामाजिक न्याय आंदोलन की आवाज को कुचलने में लगे हैं।

बाथे-बथानी से लेकर मियांपुर जनसंहार में सैंकडो गरीबों-दलितों, महिलाओं-बच्चों तक के जघन्य हत्यारे रणवीर सेना के आताताई सामूहिक जनसंहारकर्ता सभी रिहा हो गए। कोर्ट तक ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया। वहीं टाडा कानून रद्द होने के बाद भी भाकपा-माले के बुजुर्ग व चर्चित नेता शाहचांद सहित दर्जनों नेता टाडा में सजायाफ्ता हो गए और शाहचांद सहित अनेकों की मौत जेल में हो गयी।

उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव 2015 के ठीक पहले जेपी सिंह की हत्याकांड मामले में भाजपा के स्थानीय नेताओं के इशारे पर मनोज मंजिल और अन्य पार्टी नेताओं पर हत्या का झूठा मुकदमा थोप दिया गया था।

उस घटना के कुछ दिन पहले ही भाकपा-माले के स्थानीय नेता कॉ. सतीश यादव की हत्या भाजपाइयों ने कर दी थी। उनके हत्यारे खुलेआम घूम रहें हैं। भाजपाई और इलाके की सामंती ताकतें मनोज मंजिल की बढ़ती लोकप्रियता से काफी घबराई हुई थी।

कार्यक्रम में भाकपा-माले के नगर प्रभारी मुकेश मुक्त, तिलकामांझी ब्रांच सचिव अमर कुमार, नगर कमिटी सदस्य बुधनी उरांव व राजेश कुमार दास, शंकर तांती, मो. रुस्तम, अफरोज, दीपक कुमार, शंभू शंकर मंडल, आनंद साह, योगेंद्र सिंह, पप्पू पंडित आदि शामिल हुए।

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