EVM पर HC में सुनवाई, कोर्ट ने पूछा क्या हमें पाषाण युग में जाना चाहिए?
याचिकाकर्ता से मौखिक रूप से पूछा क्या उसके अनुसार, पाषाण युग में जाना चाहिए, याचिका में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के माध्यम से कोई भी चुनाव कराने से पहले जन्म प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 61(a) के आदेश का पालन करने का निर्वाचन आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली ।
चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल के ख़िलाफ़ दायर याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को ख़ारिज कर दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्याय मूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा है कि एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली रमेश चंद्र की अपील याचिका कोई आधार नहीं हैं।
क्या हमें पाषाण युग में जाना चाहिए?………
साथ ही पीठ ने याचिकाकर्ता से मौखिक रूप से पूछा क्या उसके अनुसार, पाषाण युग में जाना चाहिए। याचिका में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के माध्यम से कोई भी चुनाव कराने से पहले जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 61(a) के आदेश का पालन करने का निर्वाचन आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी।
हालांकि, अदालत में वर्तमान अपील में कोई योग्यता नहीं है। 22 जुलाई 2024 को याचिका ख़ारिज करते हुए एकलपीठ ने कहा था कि ईवीएम के इस्तेमाल से जुड़ा मुद्दा सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसलों के दायरे में हैं। एकल पीठ ने यह भी कहा था कि शीर्ष अदालत ने पेपर बैलेट सिस्टम को वापस लाने की याचिका भी ख़ारिज कर दी थी।
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