चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए राजनीतिक दलों संग बातचीत करेगा निर्वाचन आयोग
चुनाव सुधार पर अहम कदम : राजनीतिक दलों को आमंत्रण, चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत करने की क़वायद
अनिल बाजपेई (C.E.O & Founder TV9Bharat Samachar)
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी और मजबूत बनाने के लिए राजनीतिक दलों के अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। आयोग ने सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों से 30 अप्रैल 2025 तक अपने सुझाव देने को कहा है, ताकि किसी भी अनसुलझे मुद्दे का समाधान किया जा सके।
राजनीतिक दलों से संवाद की पहल

इसके अलावा, आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEO), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ERO) और मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) को निर्देश दिया है कि वे नियमित रूप से राजनीतिक दलों से संवाद करें और उनके सुझावों को कानूनी दायरे में रहते हुए हल करने का प्रयास करें।
31 मार्च तक रिपोर्ट देने के निर्देश
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने पिछले सप्ताह हुए सम्मेलन में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे राजनीतिक दलों से प्राप्त सुझावों की रिपोर्ट 31 मार्च 2025 तक आयोग को सौंपें। आयोग ने इस संवाद तंत्र को सक्रिय रूप से उपयोग करने की जरूरत पर भी जोर दिया।
लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सुधार की पहल
चुनावी सुधारों को लेकर यह पहल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राजनीतिक दल संविधान और चुनावी प्रक्रियाओं का अहम हिस्सा हैं। आयोग ने अपने पत्र में इस बात पर भी जोर दिया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960, चुनाव संचालन नियम 1961 और उच्चतम न्यायालय के आदेशों के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किए जाते हैं।
चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम
भारत में चुनावी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देश, मैनुअल और नियमावली पहले से ही आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। अब इस पहल के जरिए चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।