1 लाख से ज्यादा डमी स्टूडेंट, सीबीएसई के निशाने पर एक हजार प्राइवेट स्कूल, संचालकों और अभिभावकों में मची खलबली।

किसी भी शिक्षा में बच्चों की उपस्थिति 75 फिसदी तक होना अनिवार्य है। इससे कम उपस्थित होने पर स्कूल की ओर से बच्चे को नोटिस दिया जाता है। बोर्ड परीक्षा में बच्चा नहीं बैठ सकता। वही डमी एडमिशन नियमों के खिलाफ है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार जयपुर (राजस्थान)। 10वीं 11वीं और 12वीं की स्कूली पढ़ाई के दौरान कोचिंग स्टूडेंट को डमी प्रवेश देकर अभिभावकों से उसके बदले पैसे वसूलने वाले प्रदेश के सैकड़ो निजी स्कूल सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के रडार पर आ गए हैं। कोटा और सीकर के पांच स्कूलों की मान्यता रद्द किए जाने के बाद प्रदेश के स्कूल संचालक और अभिभावकों में खलबली मची हुई है। जानकारी के‌ मुताबिक, सीबीएसई ने दिल्ली राजस्थान में ऐसे स्कूलों का निरीक्षण शुरू कर दिया गया है।

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सीबीएसई की ओर से अभी और सूची जारी की जा रही है। दसवीं कक्षा के बाद स्टूडेंट इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग करते हैं। ऐसे में अधिक समय स्कूल की बजाय कोचिंग में निकलता है। जयपुर, कोटा, सीकार ,जोधपुर ,उदयपुर, बहुत से राज्य भर के शहरों में ऐसे करीब एक लाख स्टूडेंट है। निजी स्कूलों में जो डमी ऐडमिशन हो रहे हैं, यह गलत है। मामला मेरी जानकारी में आया है कि राज्य ऐसे और भी ऐसे डमी एडमिशन हो रहे हैं और सीबीएसई के के नियमानुसार जांच कार्यवाही की जाएगी।

किसी भी कक्षा में बच्चों की उपस्थिति 75 फ़ीसदी तक होना अनिवार्य है। इससे कम उपस्थित होने पर स्कूल की ओर से बच्चों को नोटिस दिया जाता है। बोर्ड परीक्षा में बच्चा नहीं बैठ सकता है। यह डमी एडमिशन नियमों के खिलाफ है। राज्य में ऐसे स्कूल भी खुले हैं जो किराए के भवनों पर संचालित हैं, इन स्कूलों में शिक्षक तक नहीं है, नहीं कक्षाएं संचालित हो रही है। इन स्कूलों के रिकॉर्ड में बच्चे मिलेंगे लेकिन पढ़ाई नहीं कराई जाती। इन स्कूलों को डमी प्रवेश के लिए चलाया जा रहा है।

संबंधित स्कूलों के सत्र 2024 – 25 में पंजीकृत 10वीं 12वीं के विद्यार्थी परीक्षा देंगे ,जबकि नवी और दसवीं मैं पढ़ रहे विद्यार्थियों को निकटवर्ती सीबीएसई से समृद्ध स्कू‌लों शिफ्ट किया जाएगा। निजी स्कूलों की मान्यता रद्द हुई है। मैं भविष्य में नए दाखिला अथवा किसी कक्षा में विद्यार्थियों को प्रमोट नहीं कर सकेंगे। राज्य में 11वीं और 12वीं कक्षा में डमी प्रवेश लेने का चलन बढ़ रहा है। कोटा, जयपुर और सीकर में आते स्कूलों की संख्या सर्वाधिक है। सीबीएसई के अलावा राजस्थान बोर्ड के कहीं स्कूलों में भी डमी प्रवेश लिए जा रहे हैं।

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इन स्कूलों की फीस भले ही ₹50000 तक है। लेकिन डमी कमीशन के नाम पर ₹1,00,000 लाख तक वसूली की जा रही है। इसके आवाज में छात्रों को‌ स्कूल न आने की छूट दी जा रही है। बच्चों को सिर्फ परीक्षा और प्रैक्टिकल के समय बुलाया जाता है। इतना ही नहीं, कोचिंग संस्थान से भी साठं-गांठ कल स्कूलों में डमी कमिशन कराए जाते हैं।

राजस्थान में डमी एडमिशन की काफी शिकायत शिक्षा विभाग और माध्यमिक बोर्ड के पास भी पहुंचती है। लेकिन जयपुर सहित किसी भी जिले से अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। सीबीएसई की ओर से राज्य की स्कूलों पर कीड़े कार्यवाही विभाग और बोर्ड की कार्य शैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

राज्य के पांच स्कूलों की संबद्धता रद्द करने के बात ऐसे स्कूलों में खलबली मच गई है।

₹1,00,000 लाख तक डमी कमीशन के लिए जा रहे हैं।

₹5000 हजार तक प्रति छात्र से लेते हैं , प्रैक्टिकल में अच्छे नंबर दिलाने के नाम पर।

25,000 हजार से अधिक डमी छात्र जयपुर में है।

50,000 से डमी अधिक छात्र कोटा में अध्ययनरत हैं।

5 से 6 घंटे की क्लास चल रही कोचिंग में।