डूंगरपुर मामले में कोर्ट नहीं पहुंचे गवाह, दो पुलिस कर्मियों के ख़िलाफ़ गैर ज़मानती वारंट जारी।
2019 में गंज कोतवाली में दर्ज़ हुए थे कई केस, इन लोगों द्वारा ही भाजपा की सरकार आने पर साल 2019 में गंज कोतवाली में मुक़दमे दर्ज़ कराए थे। 11 लोगों की ओर से दर्ज़ अलग-अलग मुकदमों में आरोप है कि सपा सरकार में आजम खा के इशारे पर पुलिस और सपाईयों अपनी बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए अपने घरों को जबरन खाली कराया था। उनका सामान लूट लिया और मकान पर बुलडोजर चलवा कर ध्वस्त कर दिया था। इन मुक़दमों में पहले आजम खा नामजद नहीं थे।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार रामपुर (उत्तर प्रदेश )।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के ख़िलाफ़ डूंगरपुर मामले में संभल में तैनात निरीक्षक रामवीर सिंह, और उपनिरीक्षक अजय कुमार के गवाही पर आने पर न्यायालय ने ज़मानती वारंट जारी किए हैं। डूंगरपुर प्रकरण वर्ष 2016 का हैं। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी, और आजम खां कैबिनेट मंत्री थे। उन्होंने पुलिस लाइन के पास डूंगरपुर में गरीबों के लिए आसरा आवास बनवाएं थे। यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे। जिन्हें सरकारी ज़मीन पर बताकर तोड़ दिया गया था।
2019 में गंज कोतवाली में दर्ज़ हुए कई केस……
इन लोगों द्वारा ही भाजपा की सरकार आने पर साल 2019 में गंज कोतवाली में मुक़दमे दर्ज़ कराए गए थे। 11 लोगों की ओर से दर्ज़ अलग-अलग मुक़दमों में आरोप है कि सपा सरकार में आजम खां के इशारे पर पुलिस और सपाईयों ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था।
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उनका सामान लूट लिया था, और मकान पर बुलडोजर चलवा कर ध्वस्त कर दिया गया था। इन मुक़दमों में पहले आजम खां नामजद नहीं थे। लेकिन अन्य आरोपितों की गिरफ़्तारी और उनके बयानों के आधार पर पुलिस ने आजम खां को भी आरोपित बनाया था। इन मामलों की सुनवाई एमपी, एम एल ए स्पेशल कोर्ट में चल रही हैं।
इनमें से 6 मामलों में फैसला हो चुका है। पांच मामले अब भी विचाराधीन हैं। पांचों मामलों की एक साथ सुनवाई की जा रही है। मंगलवार को भी सुनवाई हुई। अभियोजन की ओर से गवाही कराई जा रही है। कोर्ट ने गवाही के लिए निरीक्षक रामवीर सिंह और उपनिरीक्षक अजय कुमार को गवाही के लिए तलब किया था।
रामवीर सिंह संभल में सर्विलांस प्रभारी हैं। जबकि अजय कुमार थाना जूनावई में तैनात है। दोनों ने यहां तैनाती के समय मुक़दमे की विवेचना की थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सीमा राणा ने बताया है कि दोनों ही गवाही के लिए न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए, जिस पर न्यायालय ने दोनों के ज़मानती वारंट जारी किए हैं, अब इस मामले में 23 जनवरी को सुनवाई होंगी।
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