दीपावली पर हजारों अफीम काश्तकारों को मिली केंद्र सरकार की सौगात।

अफीम लाइसेंस में पारदर्शिता के लिए केंद्र ‌सरकार ने नवाचार करते हुए, इस बार सरकार द्वारा नई अफीम नीति में लाइसेंस को हित में रख कर लिए गए निर्णय के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार निंबाहेड़ा (राजस्थान)। भारत सरकार द्वारा 2024- 25 के लिए जारी नहीं अफीम नीति किसानों के हित में है। नई नीति में इस बार हजारों किसानों को अफीम की खेती में जोड़ा जाएगा, जिससे किसानों को राहत मिलेगी। वही अफीम लाइसेंस में पारदर्शिता के लिए केंद्र सरकार ने नवाचार करते हुए इस बार अफीम का लाइसेंस ऑनलाइन प्रक्रिया से मिलेंगे। केंद्र के किसान केंद्र सरकार द्वारा नई अफीम नीति में किसानों को हित में रख कर लिए गए हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार व्यक्त करते हुए पूर्वस्वयत शासन मंत्री एवं विधायक श्री चंद्र कृपलानी ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार सदैव अफीम किसानों के लिए सकारात्मक रूप से काम करती आई है। 

इसी संबंध में घोषित की गई यह अफीम पॉलिसी किस हितैषी है। इस नई नीति के माध्यम से हजारों किसानोंको जोड़ा जाएगा। कृपलानी ने कहा की नई अफीम पॉलिसी में फसल वर्ष 2023 – 24 के दौरान जिन किसानों ने सीपीएस पद्धति से खेती की और तौल केंद्र पर प्रति हेक्टेयर 675 किलोग्राम या उससे अधिक पोस्त बोस की उपज पेश की। उन्हें इससे वंचित नहीं रखा जाएगा, वहीं जिन काश्तकारों ने वर्ष 2023- 24 के दौरान अफीम पोस्त की खेती से होल्ड किया गया है। हालांकि वे अगले फसल वर्ष के लिए लाइसेंस रखने जारी रखेंगे। और उस वर्ष की नीति के द्वारा लगाए गए शर्तों के अधीन खेती के लिए पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि इस नई नीति में ऐसे काश्तकार जिन्होंने फसल वर्ष 2023 -24 में चिरा पद्धति द्वारा खेती की तथा अफीम फसल की औसत 3 किलोग्राम से अधिक और 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से कम प्रदान की है, वह इस वर्ष सीपीएस पद्धति के पात्र होंगे।

ऐसे काश्तकार जिन्होंने 2023 – 24 के दौरान के प्रति हेक्टेयर 900 किलोग्राम या उससे अधिक पोस्त भूसा दिया, लेकिन यदि वह फसल वर्ष 2024 – 25 के लिए जरा पद्धति को नहीं चुनते हैं और स्वेच्छा से जरा पद्धति में खेती करना चाहते हैं, वे भी पात्र होंगे। इस नई अफीम नीति के माध्यम से वह किसान जिनको फसल वर्ष 1995- 96 के बाद से कभी भी लाइसेंस दिया गया था, लेकिन किसी कारण से उन्हें लाइसेंस जारी नहीं किया गया था। उन्हें इस वर्ष सीपीएस  पद्धति से लाइसेंस दिया जाएगा। तथा फसल वर्ष 1995- 96 से 1997- 98 तक की अवधि में लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था।

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लेकिन जिन्होंने 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से अधिक न्यूनतम औसत उपज प्रदान की हो, उन्हें इस वर्ष सीपीएस पादरी से लाइसेंस दिया जाएगा। इस नीति में ऐसे किसान भी अफीम लाइसेंस के पात्र होंगे जिन्होंने फसल वर्ष 2023- 24 के लिए लाइसेंस के पात्र थे, पत्र द लेकिन किसी कारणवश लाइसेंस प्राप्त नहीं किया। पंचायत समिति प्रधान बगदीराम धाकड़, उप प्रधान जगदीश अंजना, छोटी सादड़ी के पूर्व प्रधान महावीर सिंह कृष्णावत, निंबाहेड़ा नगर अध्यक्ष नितिन चतुर्वेदी, भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ मंत्री, जिला परिषद सदस्य गब्बर सिंह अहीर, पूर्वी मंडल अध्यक्ष अशोक जाट, पश्चिमी मंडल अध्यक्ष राजेंद्र सिंह शक्तावत, कनेरा मंडल अध्यक्ष जग किशोर धाकड़, छोटी सादड़ी पूर्वी मंडल अध्यक्ष कैलाश गुर्जर, शांतिलाल मेनारिया , विष्णु पाटीदार, डालचंद जणवा, मोतीलाल जणवा सहित भाजपा नेताओं ने क्षेत्र के किसानों, भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सितारमण, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सीपी जोशी, के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

अफीम नीति में हो रही देरी को लेकर निंबाहेड़ा विधायक‌ श्री चंद्र कृपलानी ने कुछ दिनों पूर्व पत्र लिखकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सितारमण को अफीम काश्तकारों के हित में शीघ्र नीति घोषित करने का आग्रह किया था। जिस पर सोमवार को ही केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण ने विधायक कृपलानी को शीघ्र कार्यवाही के लिए आश्वस्त किया था।