दीपावली पर दीये से जग मंगाएंगे कई राज्य, कामधेनु थाली से होगी लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा।
स्वर्ग संस्था के प्रबंधक बलबीर सिंह ने बताया कि इस बार संस्था की ओर से दीपावली पर पूजन के लिए विशेष पूजा की थाली तैयार की गई है, यह थाली गाय के गोबर से तैयार की गई है, जिसमें दो दीपक स्वास्तिक और धूप बत्ती से सजाई गई है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV9 भारत समाचार जयपुर (राजस्थान)। भरतपुर, भगवान श्री कृष्ण की प्रिय गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना जाता है। गाय के गोबर में लक्ष्मी जी प्रतिष्ठित मानी जाती है। ऐसे में इस बार भरतपुर में गाय के गोबर से दीपावली पूजन के लिए हजारों की संख्या में कामधेनु पूजा किट तैयार की गई है। इस बार बिहार, पश्चिम बंगाल, यूपी,एमपी और राजस्थान के कई जिलों के हजारों घर गए के गोबर से निर्मित लाखों दीपकों से जगमगाएंगे।
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इतना ही नहीं 25000 घरों में गाय के गोबर से निर्माता पूजा की थाली से लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा की जाएगी। भरतपुर में कान्हा जी की प्रिय गायों के संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में यह पहल महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
विशेष पूजा की थाली-
स्वर्ग संस्था के प्रबंधक बलवीर सिंह ने बताया कि इस बार संस्था की ओर से दीपावली पर पूजन के लिए विशेष पूजा थाली तैयार की गई है। जिसमें दो दीपक, स्वास्तिक, ओम ॐ, धूप बत्ती भी गाय के गोबर से निर्मित कर सजाई गई है। गाय के गोबर को पवित्र माना जाता है। इसलिए दीपावली के पूजन के अवसर पर इस विशेष थाली को तैयार किया गया है। इस तरह की 25000 पूजा की थाली तैयार की गई है। जिनमें से अधिकतर थालियां भी बिक चुकी है। इन थालियां की कीमत ₹101 निर्धारित की गई है।
5 लाख दीपक तैयार, हजारों मूर्तियां –
बलवीर सिंह ने बताया कि इस तरह से गाय के गोबर से अलग-अलग डिजाइन के दीपक तैयार किए हैं, इनकी कीमत ₹2 से ₹10 तक निर्धारित की गई है। इसके अलावा गाय के गोबर से ही 2200 की संख्या में लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति अभी तैयार की गई है। मूर्तियों की कीमत ₹70 और ₹100 जोड़ा रखी गई है।
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बलवीर सिंह ने बताया है कि गाय के गोबर से निर्मित दीपक, पूजा की थाली, और गणेश जी की मूर्तियों की उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों से मांग आई थी। इनमें बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आगरा ,अलीगढ़ ,भरतपुर ,करौली, नागौर आदि, जिलों में सप्लाई की गई है।
272 महिलाओं को लाखों का रोजगार-
बलवीर सिंह ने बताया है कि जिले की 272 महिलाएं गाय के गोबर से दीपक, पूजा की थाली और लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्तियां बनाने का काम किया। इन महिलाओं ने त्योहार के अवसर पर करीब एक महीने काम करके 5 लाख दीपक, 25000 पूजा की थाली, और 2200 मूर्तियां तैयार की हैं। यानी एक माह में 272 महिलाओं को 10 लाख रुपए का रोजगार मिला।
कामधेनु थाली से होगी लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा –
गाय के गोबर से तैयार किए गए सभी दीपक, थाली और मूर्तियों में तुलसी, अश्वगंधा आदि के बीज भी मिश्रित किए जाते हैं। जिससे यह मिट्टी में मिलकर पौधे का रूप ले सकते हैं। थालियों या मूर्तियों को जहां भी मिट्टी में छोड़ा जाएगा वहां यह आसानी से बिना प्रदूषण के मिट्टी में मिल जाएंगी और खाद का काम भी करेंगे, इसलिए यह उत्पाद पर्यावरण के लिए भी उपयोगी है।