धर्मो रक्षति रक्षिता, बाल व्यास मधुर जी महाराज, रुक्मणी के विवाह का प्रसंग सुनाया गया।

पूज्य महाराज ने बताया है की सरल व्यक्ति कैसे आक्रामक व्यक्ति के रूप में बदल जाता है। भगवान कृष्ण अपने साथ में बांसुरी रखते थे बांसुरी की ध्वनि सुनकर जड़ वस्तुएं भी चैतन्य रूप स्वरूप में आ जाती थी। दुष्ट और अधर्मी धर्म की नीति से या शास्त्र की नीति से यह समझाने से नहीं समझते हैं।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार धनपतगंज (सुल्तानपुर)। श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के छठवें दिवस को पूज्य व्यास बाल विकास मधुर जी महाराज ने कथा में कंस वध, गोपी उद्धव संवाद एवं श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह का वर्णन बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ किया है। पूज्य महाराज जी ने बताया है कि सरल व्यक्ति कैसे आक्रामक रूप में बदल जाता है। भगवान श्री कृष्णा अपने साथ में बांसुरी रखने थे। बांसुरी की‌ ध्वनि से जड़ चैतन्य स्वरूप में आ जाती थी।

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बांसुरी से धर्म की रक्षा हो सकीं, क्योंकि दुष्ट और धर्म की नीति से , यह शास्त्र की नीति से या समझाने से नहीं समझते थे। ऐसी स्थिति में प्रभु श्री कृष्ण जी को अस्त्र उठाना पड़ा। कहा भी गया है कि शास्त्र और शास्त्र दोनों ही आवश्यक होते हैं। अगर हम धर्म की रक्षा करते हैं तो धर्म हमारी रक्षा करता है।

गोपियों को विश्वास है कि हमारा कान्हा अब हमसे दूर चला गया है। बाल व्यास ने बताया है कि जिम्मेदार निभाने के लिए अपने प्राण तक त्यागने पड़ते हैं। पूज्य बाल व्यास जी ने आगे बताया है कि आज का समय कलयुग का है। मानव कल्याण इस युग में तभी संभव है जब मनुष्य भगवान की भक्ति में रमता है। लोक कल्याण का‌ सबसे अच्छा साधन प्रभु की भक्ति है।

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लोक ग्राम पूरे पंडित आचार्य ग्राम सभा बड़नपुर में श्रीमद्भागवत कथा का ज्ञान यज्ञ सप्ताह के सिस्टम दिवस पर पत्रकार संतोष पांडेय ने परिवार को आशीर्वाद प्रदान किया। कथा में है 19 नवंबर को होगी और परम महाप्रसाद 20 नवंबर को आयोजित होगा। कथा श्रवण में श्रीमद् स्वामी परमहंस महाविद्यालय टीकरमाफी के प्राचार्य धर्मेंद्र शास्त्री, चंद्रप्रकाश मिश्र, शिवा शंकर तिवारी, रामसुख तिवारी, विनय पांडे , बबलू तिवारी, जय वीरेंद्र मिश्र, के आई के मीडिया प्रभारी मनजीत सिंह, सिद्धनाथ पांडे, सत्यदेव पांडेय, श्रवण पांडेय ,शीतल पांडेय ,दुर्गा पांडेय , सोनू पांडेय, अश्वनी ,मोनू पांडेय ,चुन्नू अनुराग ,अंशु, अमन, उत्कर्ष ,कृष्णा कानपुर से पधारे हौसिला पांडेय , राजपति पांडेय, मूल शंकर पांडेय, राहुल तिवारी, सहित हजारों कथा भक्तों ने पांडेय परिवार के साथ कथा श्रवण किया।