देश में कोई नदी साफ़ नहीं, गंगाजल क्यों पी लूं? राज ठाकरे ने की सरकार की आलोचना।

ठाकरे ने 5 -6 लोगों ने मुझे बताया है कि वह कुंभ मेला में गए थे। मैंने उनसे पूछा कि क्या कुंभ मेले से लौट के बाद उन्होंने स्नान किया है, उन्होंने बताया कि पार्टी नेता बाला नांदगांवकर कुंभ से पानी लेकर आए थे। लेकिन मैंने इसे पीने से मना कर दिया।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार मुंबई। 

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने गंगा नदी के प्रदूषण और काम की धीमी आलोचना की है। वह मनसे की 19 वीं वर्षगांठ पर पिंपरी चिंचवड़ की बैठक में बोल रहे थे, पिंपरी महाकुंभ बैठक में गंगा नदी के प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा हुई।

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में MNS कार्यकर्ता रामकृष्ण मोरे हॉल में मौजूद थे। इस बीच डॉक्टर सदानंद मोरे मुख्य रूप से अपनी बात रखने का मौका दिया गया। उसके बाद मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संबोधित किया।

यह भी पढ़ें – सांस्कृतिक विरासत और भक्ति रस से सराबोर हुआ बहराइच महोत्सव… देखें Video

राज ठाकरे ने क्या कहा?………….

ठाकरे ने 5- 6 लोगों ने मुझे बताया है कि वह कुंभ मेले में गए थे। मैंने उनसे पूछा कि क्या कुंभ मेले से लौटने के बाद उन्होंने स्नान किया है। उन्होंने बताया है कि नेता बाला नांदगांवकर कुंभ से पानी लेकर आए थे, लेकिन मैंने पानी पीने से मना कर दिया।

गंगाजल क्यों पीना चाहिए?…………

एमएनएस चीफ ने कहा, “बाला नांदगांवकर कह रहे थे- यह गंगाजल पी लो, मैंने कहा मैं नहाने वाला नहीं हूं, और गंगाजल क्यों पीना चाहिए? वह पानी कौन पीएगा?

अभी-अभी कॉविड-19 गया है।

2 साल मुंह पर मास्क लगाकर घूम रहे थे। अब वहां जाकर स्नान कर रहे हैं। कौन उस गंगा में जाकर कूदेगा?

श्रद्धा का भी कुछ मतलब होना चाहिए। देश में एक भी नदी साफ नहीं है। विदेश में नदियों को मां नहीं कहा जाता, लेकिन नदी साफ है, हम नदी में कपड़े धोते हैं, हम जो चाहते हैं, करते हैं।

राजीव गांधी के समय से गंगा हो रही है साफ़…………..

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी के समय से ही गंगा नदी साफ़ हो रही है। अब इस मिथक से बाहर आने का समय है। राज कपूर ने एक फिल्म बनाई थी। उसमे अलग गंगा थी। उन्होंने कहा कि अगर गंगा इसी तरह साफ होती, तो लोग स्नान करते, राज ठाकरे ने लोगों से अंधविश्वास से बाहर आने की अपील की है।

यह भी पढ़ें – संसद का बजट सत्र कल से, वक्फ विधेयक व ईपीआईसी का मुद्दा गुंजेगा सदन में।