देश में पनप रही सांप्रदायिकता ने माहौल को कर दिया खराब- मौलाना अरशद मदनी

पनप रही सांप्रदायिकता को सद्भाव प्रेम से समाप्त किया जा सकता है।

मुकेश कुमार  (एडिटर इन चीफ)TV9 भारत समाचार  देवबंद  (सहारनपुर)।  देश की आजादी से लेकर अब तक जो कुर्बानी जमीयत उलेमा ए हिंद ने दी है, वह किसी से ढकी छुपी नहीं है और आज देश में जो माहौल को खराब किया जा रहा है और सांप्रदायिक तनाव को पैदा किया जा रहा है। वह देश के हित में नहीं है।

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जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैय्यद अरशद मदनी ने ईदगाह रोड स्थित मदनी मेमोरियल पब्लिक स्कूल में जमीयत उलझ ए हिंद के तत्वाधान में आयोजित मजलिस ए मुंतजिम के सक्रिय कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।

मजलिस ए मुंताजिम के इजलास में पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, अलीगढ़, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बिजनौर, हापुड़, गाजियाबाद, बुलंदशहर आदि समेत 17 जिलों के पदाधिकारी एवं लगभग 1500 प्रदेश कार्यकारिणी के सक्रिय सदस्यों ने भाग लिया। तथा जमीयत उलेमा ए हिंद द्वारा सम्मेलन में प्रशिक्षण प्राप्त किया।

इसमें संगठन की मजबूती पर विस्तार के साथ चर्चा की गई। सांप्रदायिक माहौल को परिवर्तन करके अच्छे माहौल की स्थापना में सहयोग करने में कक्षा 8 के बाद लड़कियों के लिए अलग शिक्षण संस्थान खोलने आदि के साथ-साथ मतदाता जागरूकता अभियान चलाने के अलावा, वोटर लिस्ट में नए नाम को जुड़वाने आदि विषयों पर गंभीरता से मंथन किया गया और सम्मेलन में सर्वसम्मति से विभिन्न प्रस्तावों को पारित किया गया।

सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष मौलाना सैयद असद राशिदी ने कहा कि मैं जमीयत उलमा के कार्यकर्ताओं को कहूंगा कि आप का जुड़ाव ऐसे संगठन से है, जिनके पूर्वजों ने देश की स्वतंत्रता के लिए बड़़ी-बड़ी परेशानियों को उठाया और देश को आजादी दिलाई।

उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा ए हिंद की स्थापना का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय एवं देश सेवा करना तथा इस्लामी संस्कारों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा ए हिंद लोकतंत्र की मजबूती के लिए भरपूर जरूरी समझती है। जमीयत उलेमा ए हिंद ने आठ बिंदुवार कार्यक्रमों की रूपरेखा को तैयार करके जिले के पदाधिकारी को निर्देशित किया गया।

और कहा कि अपने-अपने जिले में आठ बिंदुओं पर विशेष कार्य करें। सम्मेलन के मुख्य अतिथि जमीअत उलमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मैं सबसे कहता हूं जहां आप रहते हैं, वहां प्यार मोहब्बत को आम करें। उन्होंने कहा कि आज देश में सांप्रदायिक ताकते आग लग रही हैं। जो समाज को बांटने पर तुली हुई है। जिससे सावधान रहना बेहद जरूरी है।

मौलाना मदनी ने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों द्वारा नफरत के नारे देना देश की मुखालफत है। मौलाना अरशद मदनी ने विभाजन का जिक्र करते हुए कहा कि सांप्रदायिकता की वजह से हमारा देश टूट चुका है। अगर सांप्रदायिकता बढ़ेगी तो देश को नुकसान होगा। मौलाना मदनी ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती और सेकुलर संविधान को लेकर जमीयत उलेमा मैदान में है।

फिलस्तीन में हो रही बमबारी का कड़ा विरोध करते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि हजारों बच्चों, औरतें, नौजवानों को शहीद कर दिया है। उन्होंने कहा कि फिलीस्तीन के नागरिक अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहे हैं। जबकि इसराइल आक्रमण कर रहा है। मौलाना अरशद मदनी ने लड़कियों की शिक्षा के लिए अलग स्कूल बनाने की अपील करते हुए कहा, कि लड़कियों को धर्मांतरण का शिकार बनाया जाता है। जिससे खानदान के खानदान बर्बाद हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि जमीयत उलमा ए हिंद इस मिशन पर काम कर रही है। सम्मेलन में मौलाना काबुल रशीदी ने कहा कि भारत का लोकतंत्र सभी को अपने-अपने धर्म अनुसार जीवन व्यतीत करने की आजादी देता है। उन्होंने मदरसों की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। सम्मेलन का संचालन मुफ्ती अशफाक आज़मी ने किया और सम्मेलन का घोषणा पत्र जारी किया। इस दौरान मौलाना सय्यद अजहर मदनी, मौलाना हबीबुल्लाह मदनी, हाफिज अब्दुल कुड्डूस आदि ने भी संबोधन किया।

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