Deoria News: शिक्षक नेता के मौत की गुत्थी हत्या-आत्महत्या के बीच उलझी

देवरिया रेलवे स्टेशन के विश्रामालय में एक शिक्षक अचेत अवस्था में मिले। जीआरपी ने उन्हें मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

शीतल सिंह, जिला प्रभारी :देवरिया। रेलवे स्टेशन के विश्रामालय में रहस्यमय परिस्थितियों में शिक्षक नेता की हुई मृत्यु की गुत्थी हत्या व आत्महत्या के बीच उलझ गई है। चर्चाओं के अनुसार सलेमपुर के विभाग के अधिकारी सवालों के घेरे में है। पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे शिक्षक मौत को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे थे। देर रात गोरखपुर के राजघाट पर शिक्षक की अंत्येष्टि की गई। शिक्षक की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है।

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जूनियर शिक्षक संघ के मंडल मंत्री अखिलेश मिश्र (42) वर्ष पुत्र दुर्गा मिश्र निवासी ग्राम परसिया थाना खुंखुंदु की तैनाती सलेमपुर के जूनियर हाईस्कूल पड़री वनमाली पर थी। गोरखपुर के खोराबार से विद्यालय आते जाते थे। बुधवार की देर शाम रेलवे स्टेशन देवरिया के विश्राम गृह से अचेत अवस्था में जीआरपी पुलिस उन्हें मेडिकल कॉलेज ले आई। जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। उनके पॉकेट से कागमात, मोबाइल आदि बरामद हुआ। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

चर्चा रही कि शिक्षा विभाग के सलेमपुर के एक अधिकारी द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जाता था। हालांकि इस बारे में कोई शिकायत नहीं की गई है। वहीं साथी शिक्षक मौत को संदिग्ध बता रहे हैं। अखिलेश विद्यालय हमेशा अपनी गाड़ी या रोडवेज की बस से आते-जाते थे। घटना के दिन भी वे निजी वाहन से नहीं आए थे। घटना को लेकर शिक्षकों के बीच तरह-तरह की चर्चा है। परिजनों एवं सगे संबंधियों ने मौत को संदिग्ध बताया। हत्या व आत्महत्या के बीच उलझी गुत्थी जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी। पोस्टमार्टमहाउस पर आए शिक्षक के बड़े भाई गंगेश मिश्रा ने आरोप लगाया कि अखिलेश पिछले कुछ दिनों से अधिकारियों के प्रताड़ना के शिकार थे। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद परिवार के लोग शव को लेकर गोरखपुर चले गए। पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने पर चिकित्सकों ने विसरा प्रिजर्व कर जांच के लिए भेज दिया।

शिक्षक नेता अखिलेश मिश्र का शव पोस्टमार्टम के बाद उनके गोरखपुर निवास पर गया। वहां से बृहस्पतिवार की शाम राजघाट पर उनकी अंत्येष्टि की गई। मुखाग्नि पुत्र आदित्य मिश्रा ने दिया। तीन संतानों में दो पुत्री साक्षी, आर्या एवं पत्नी अनीता मिश्रा का रो-रोकर बुरा हाल है। पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है।

शिक्षक नेता अखिलेश मिश्र काफी मिलनसार थे। वह हमेशा दूसरों के सूख व दुख दोनों में शरीक रहते थे। लाख परेशानी व समस्या होने के बाद भी वह किसी को इसकी भनक भी नहीं लगने देते थे। यहां तक उनके परिजन भी उनकी परेशानी आदि को नहीं समझ पाते थे। हमेशा वह खुश मिजाज रहते थे। उनके निधन की सूचना पर पोस्टमार्टम हाउस पर काफी संख्या में शिक्षकगण उपस्थित रहे।

अखिलेश मिश्र बुधवार की सुबह बस से सलेमपुर पहुंचे। वहां वह विद्यालय न जाकर सीधे बैंक पहुंचे। चर्चा है कि करीब दस लाख रुपये लोन के लिए बैंक में उन्होंने अप्लाई किया था। जहां से लगभग सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, कुछ कार्य शेष था। इसके चलते बुधवार को लोन पास नहीं हो सका। इसके बाद वह रेलवे स्टेशन कैसे पहुंचे और कब वह अचेत हो गए इसकी जानकारी किसी को नहीं है। जीआरपी के साथ कोतवाली पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। लोन के संबंध में परिजनों को जानकारी थी, परंतु वह लोन क्यों ले रहे थे इसके बारें में कोई जानकारी नहीं दे सका।

अखिलेश ने 15 दिन पहले मेडिकल के लिए आवेदन दिया था। उन्होंने एक सप्ताह का मेडिकल लिया था। मेडिकल का अवकाश समाप्त होने के बाद एक दिन विद्यालय गए। इसके बाद से वह विद्यालय नहीं जा रहे थे। परिजनों को भी विद्यालय न जाने की कोई जानकारी नहीं थी।

अखिलेश मिश्र विद्यालय आने के लिए अधिकांश समय चार पहिया वाहन का प्रयोग करते थे या फिर बस से सफर करते थे। वह ट्रेन से न के बराबर आते-जाते थे। यूं कहे तो वह ट्रेन से सलेमपुर नहीं आते थे। उनके पुत्र ने रोते हुए बताया मेरे पिता आए दिन सलेमपुर बस से या फिर चार पहिया वाहन से ही सफर करते थे। बुधवार को बस से ही वह सलेमपुर गए थे।

एसपी संकल्प शर्मा ने कहा कि शिक्षक की मौत संदिग्ध परिस्थति में हुई है। पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने पर चिकित्सकों ने विसरा प्रिजर्व कर जांच के लिए भेज दिया। पुलिस अपने स्तर से मामले की जांच कर रही है।

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