दिल्ली विधानसभा में सिर्फ सरकार, विपक्ष नहीं, यह कैसा लोकतंत्र? आतिशी ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी।

आतिशी सीनियर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा, 27 फरवरी को जब आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली विधानसभा जा रहे थे, तो दिल्ली पुलिस द्वारा भारी बेरिकेडिंग कर हमें विधानसभा के परिसर के बाहर ही रोक दिया गया। जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों को विधानसभा तक पहुंचने से रोका जाना लोकतंत्र की हत्या है। इस कारण विपक्ष के विधायकों को सड़क पर ही धरने पर बैठना पड़ा। यह देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि विपक्ष को विधानसभा परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार नई दिल्ली। 

दिल्ली विधानसभा नेता विपक्ष आतिशी ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखीं हैं। आतिशी ने राष्ट्रपति से तत्काल मिलने का समय मांगा है। गुरुवार को आम आदमी पार्टी के विधायक जब विधानसभा में प्रवेश करने जा रहे थे, तो उन्हें जाने से रोका गया। आतिशी ने लिखा कि विधानसभा परिसर के बाहर विधायकों को रोकना लोकतांत्रिक मूल्यों के ख़िलाफ़ है। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में जिक्र किया है कि दिल्ली में भाजपा की सरकार ने दिल्ली सरकार के विभिन्न दफ़्तरों से संविधान-निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और शहीद-ए-आजम भगत सिंह की तस्वीर हटा दी है।

यह न केवल वीर सपूतों का अपमान है बल्कि दलित, पिछड़े और वंचित समाज का भी अपमान है। जब आम पार्टी के विपक्ष के रूप में इस कदम का विरोध किया और इस गंभीर मुद्दे को सदन में उठाने का प्रयास किया तो विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने अलोकतांत्रिक रूप से आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को 25 फरवरी को 3 दिनों के लिए सदन के बैठकों से निष्कासित कर दिया गया है।

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आतिशी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा, “27 फरवरी को जब आम आदमी पार्टी के विधायक दिल्ली विधानसभा जा रहे थे, तो दिल्ली पुलिस द्वारा भारी बेरिकेडिंग कर हमें विधानसभा के परिसर के बाहर रोक दिया गया। जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों को विधानसभा तक पहुंचने से रोका जाना लोकतंत्र की हत्या है। इस कारण विपक्ष के विधायकों को सड़क पर ही धरने पर बैठना पड़ा। यह देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि विपक्ष को विधानसभा परिसर में भी प्रवेश नहीं करने दिया गया।

यह घटनाक्रम भारत के लोकतांत्रिक इतिहास पर एक काला धब्बा है। अगर विपक्ष को इस तरह रोका जाएंगा, तो जनता के मुद्दे कौन उठाएगा? लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों का होना जरूरी है। ताकि आम लोगों की आवाज़ सुनी जा सकें। लेकिन अभी जो हो रहा है, यह विपक्ष को दबाने की कोशिश है, जिससे जनता की आवाज़ भी दब रही है।

आतिशी ने पत्र में यह लिखा है कि इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी का विधायक दाल उनसे तत्काल मुलाकात करना चाहते हैं, ताकि इस तानाशाही के ख़िलाफ़ उचित कदम उठाया जा सकें। यह सिर्फ दिल्ली का मामला नहीं, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र पर संकट का संकेत है। हम उम्मीद करते हैं कि आप इस अति गंभीर मामलों पर तत्काल संज्ञान लेने की कृपा करेंगी। आम आदमी पार्टी के विधायकों को आपसे मिलने के लिए दिनांक 28/02/2025 का कोई समय निर्धारित करने की कृपा करेंगी।

विधानसभा अध्यक्ष ने इसे बताया दुर्भाग्यपूर्ण…………..

विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि उप राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जो कुछ भी हुआ है वह दुर्भाग्यपूर्ण था। संवैधानिक प्रावधानों का खुला उल्लंघन हुआ। जो भी कार्यवाही की गई है वह नियमों के मुताबिक, सदन के प्रस्ताव के मुताबिक की गई है और नियम पुस्तिका में साफ है कि सदन का मतलब विधानसभा होता है।

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