दबंग ने बोला धावा, विधवा को बाल पकड़कर घसीटा, घर में खींचकर पिटाई की।

घटना दिनांक 27 दिसंबर 2024 को सुबह करीब 7:00 बजे पुरानी रंजिश को लेकर दबंग राम भवन अपने भाई राजेंद्र, बेटे अखंड प्रताप, पत्नी निर्मला देवी,‌ पुत्री सृष्टि, और चचेरी बहन नन्सी के साथ मिलकर पीड़िता की जमीन पर रखी लकड़ी को हटाने लगे पीड़िता ने मना किया तो विपक्षी गण मां-बहन की गाली देने लगे और जान से मारने की धमकी देने लगे।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार अयोध्या (उत्तर प्रदेश )।

यह घटना जनपद के तारून थाना क्षेत्र से जुड़ी है। पीड़िता जीरा देवी स्वर्गीय त्रिभुवन ने अपनी शिकायत में बताया है कि वह नागपाली गांव की रहने वाली विधवा महिला है। यह घटना दिनांक 27 दिसंबर 2024 को सुबह क़रीब 7:00 बजे पुरानी रंजिश को लेकर दबंग राम भवन अपने भाई राजेंद्र, बेटे अखंड प्रताप, पत्नी निर्मला देवी, पुत्री सृष्टि, और चचेरी बहन नन्सी के साथ मिलकर पीड़िता के ज़मीन पर रखी लकड़ी को हटाने लगे।

पीड़िता विधवा महिला ने मना किया तो विपक्षी गण मां-बहन की भद्दी-भद्दी गाली और जान से मारने की धमकी देने लगा।

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वह ललकार कर मारने को दौड़ पड़े। जान बचाने के लिए पीड़िता घर में भागी तो दबंग अपने घर की औरतों के साथ पीड़िता को घर में घुसकर लात-घूंसों व थप्पड़ से मारा, और ज़मीन पर गिराकर पीटा। पीड़िता की बेटियों रिंकी, पिंकी, खुशबू दौड़ी तो दबंगों ने उन्हें भी बाल पकड़कर मारा पीटा।

राम भवन ने ललकार कर कहा है कि आज इस को बेइज़्ज़त कर दो। तब राम भवन राजेंद्र और बेटे अखंड प्रताप ने पीड़िता की लड़की पिंकी को बाल पकड़कर पटक कर बुरी तरह मारा पीटा। तब तक वहां काफ़ी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। इसी बीच, बीच-बचाव करने पर विपक्षी गण जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से चले गए।

पीड़िता ने तुरंत थाना तारून जाकर प्रार्थना पत्र दिया, किंतु विपक्षी गण के प्रभाव में ना तो रिपोर्ट दर्ज़ हुई और ना ही डॉक्टरी कराई गई। बल्कि थाने वाले दौड़ाते रहें, तब पीड़िता मजबूर होकर 30 दिसंबर 2024 को ज़िला अस्पताल अयोध्या जाकर अपनी तथा तीनों पुत्रियों की डॉक्टरी कराकर पुनः थाना पर प्रार्थना पत्र दिया। किंतु रिपोर्ट दर्ज न होने पर पीड़िता ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय को शिकायती पत्र दिया। किंतु अभी तक कोई कार्यवाही दबंगों पर नहीं हो सकी है। जिससे न्याय की उम्मीद टूटने लगी। मामले में ख़बर लिखे जाने तक मुख्यमंत्री कार्यालय को न्याय दिलाने की मांग के साथ शिकायती पत्र भेजा गया है। और दखल की मांग की गई है।

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