साइबर क्राइम पुलिस का बड़ा खुलासा, साइबर ठगों का नया पैंतरा, बैंक खाते भी किराए पर उपलब्ध होंगे, राजस्थान।
जिलों में साइबर ठगों द्वारा बैंक खाते में कमीशन का लालच देकर खाता धारको के बैंक खाता संदिग्ध लेन-देन के लिए उपयोग में लिए गए हैं।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार जयपुर (राजस्थान)। साइबर ठगी के लगातार बढ़ते ऐसे मामले जिनमें आम जन अज्ञानता ,लालचवश, बैंक कर्मी से मिली भगत कर साइबर क्रिमिनल को बैंक खाता किराए पर उपलब्ध कराते हैं, ऐसे मामलों का संज्ञान में लेते हुए पुलिस मुख्यालय की साइबर क्राइम शाखा ने एडवाइजरी जारी की है।
महानिदेशक पुलिस, साइबर क्राइम राजस्थान, हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि प्रदेश में महानिदेशक पुलिस राजस्थान उत्कल रंजन साहू के मार्गदर्शन में साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने एवं आमजन में साइबर क्राइम जागरूकता लाने के उद्देश्यसे लगातार प्रयास किया जा रहे हैं।
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प्रियदर्शी ने बताया कि प्रदेश में इन दिनों साइबर ठग गरीब, बेरोजगार एवं आमजन को प्रलोभन एवं लालच देकर उनके बैंक अकाउंट को किराए पर लेकर साइबर अपराध के लिए उपयोग में ले रहे हैं। ऐसे करने वाले अज्ञानता वश या लालच में आकर स्वयं भी साइबर अपराधों में लिप्त हो जाते हैं। यह भी संज्ञान में आया है कि प्रदेश के जिलों में साइबर ठगों द्वारा बैंक खाते में कमिश्नर का लालच देकर खाता धारकों के बैंक के संदिग्ध लेन-देन के लिए उपयोग में लिए गए हैं।
साइबर ठगों को नहीं दे अपने बैंक खाता-
डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने अपील की है कि किसी प्रलोभन, कमीशन व लालच मैं आकर अपना बैंक अकाउंट किसी भी अन्य व्यक्ति को उपयोग में लेने के लिए नहीं दे।
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ऐसा करने पर साइबर अपराध में लिप्त खाता धारक स्वयं जिम्मेदार होंगे।
बैंक कर्मियों की आपराधिक जिम्मेदारी तय होगी-
कई बैंककर्मी द्वारा जहां ऐसे मूल अकाउंट खोले गए, उनकी अपराधिक, जिम्मेदारी तय की जाकर विधिक कार्यवाही की गई थी वह भविष्य में भी सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।