बहराइच महोत्सव में सांस्कृतिक रंगों की छटा, सूफी बैंड की प्रस्तुति ने बांधा समा
छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियों से गूंजा मंच, आशा कार्यकर्ताओं का हुआ सम्मान
रिपोर्ट : अतुल त्रिपाठी : बहराइच। बहराइच महोत्सव का आयोजन पूरे उत्साह और उमंग के साथ किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। वहीं, सूफी बैंड की शानदार प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर आशा कार्यकर्त्ताओं को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
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आशा कार्यकर्ताओं को मिला सम्मान

सम्मानित किए गए स्वास्थ्य अधिकारियों में जिला स्वास्थ्य एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह, डीपीएम सरजू खान, डीसीपीएम मो. राशिद, यूपी टीएसयू के यशपाल मिश्रा, विशेश्वरगंज के बीसीपीएम धर्मेंद्र मिश्रा, तेजवापुर के बीसीपीएम रोहित वर्मा, पखरपुर के बीसीपीएम मो. शकील, अरुण मौर्या, चंद्रेश्वर पाठक, जेके चौबे और कामिनी शुक्ला का नाम शामिल है। इसके अलावा, बलहा ब्लॉक की संजू वर्मा, पखरपुर की हेमवती सिंह और तेजवापुर की अर्चना देवी को सर्वश्रेष्ठ आशा संगिनी का पुरस्कार दिया गया।
मुख्य अतिथि डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी ने कहा, “आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनके प्रयासों से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ है, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आई है।”
छात्र-छात्राओं ने दी शानदार प्रस्तुतियां
महोत्सव में छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति, योग, नृत्य और नाट्य प्रस्तुतियों से माहौल को जीवंत बना दिया।
- प्राथमिक विद्यालय अजीतपुर के बच्चों ने “जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया” गीत पर नृत्य किया।
- सिसई हैदर की बच्चियों ने बॉलीवुड गीतों पर डांस कर सबका मन मोह लिया।
- अजीजपुर कुमोलिया के छात्र ने योग प्रदर्शन कर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाई।
- बाबा सुंदर सिंह मूक-बधिर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने “राम आएंगे” गाने पर भावनात्मक प्रस्तुति दी।
- प्रोबेशन विभाग और मंथन सोसायटी के कलाकारों ने समाजिक मुद्दों पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया।
सूफी बैंड की प्रस्तुति ने मोह लिया मन
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में से एक था सूफी बैंड की प्रस्तुति। शिवम द्वारा प्रस्तुत गीत “नैन से नैन मिले जबसे”, “थारे बिना लगे न मारा जिया रे” और “तू माने या न माने दिलदारा” ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
इस दौरान महिला आरक्षियों, समूह सखियों, दुग्ध उत्पादन और आटा चक्की के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को भी सम्मानित किया गया।
बहराइच महोत्सव का यह आयोजन संस्कृति, कला और समाज सेवा का अनूठा संगम साबित हुआ, जहां हर वर्ग के लोगों ने अपनी प्रतिभा और सेवाओं से इसे खास बना दिया।
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