प्रयागराज एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़: इंतज़ार में ज़मीन पर बैठे मुसाफ़िर, रेलवे से सबक लेकर एयरपोर्ट पर भीड़ नियंत्रण की नई चुनौती
हवाई अड्डे पर मुसाफ़िर मजबूरी में ज़मीन पर बैठकर अपनी उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं
रिपोर्ट : विजय कुमार पटेल /राजीव कृष्ण श्रीवास्तव
महाकुम्भ 2025 : प्रयागराज। तीर्थराज प्रयाग की महिमा अपार है। गंगा मैया की जयकारों के बीच यहां लाखों श्रद्धालु और यात्री हर दिन आते-जाते हैं। हाल ही में अयोध्या धाम और प्रयागराज के सात रेलवे स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण के लिए अपनाई गई व्यवस्थाएं अब देशभर के अन्य रेलवे स्टेशनों पर भी लागू हो रही हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई भगदड़ और मौतों के बाद वहां भी प्रयागराज और अयोध्या जैसी रणनीति अपनाने का निर्णय लिया गया है।
लेकिन, तस्वीरें जो वायरल हो रही हैं, वे न तो किसी रेलवे स्टेशन की हैं और न ही बस अड्डे की। ये प्रयागराज एयरपोर्ट की हैं, जहां यात्रियों की भीड़ अब एक नई समस्या बनती दिख रही है। बड़ी संख्या में लोग हवाई जहाज से प्रयागराज आ और जा रहे हैं, लेकिन लौटने की प्रक्रिया में उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। नतीजा यह कि मुसाफ़िर मजबूरी में ज़मीन पर बैठकर अपनी उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं।
हवा में उड़ते जहाज, ज़मीन पर बैठे मुसाफ़िर
प्रयागराज, जो अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है, कुंभ और माघ मेले के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं का स्वागत करता है। हाल के वर्षों में यहां हवाई यात्रा की मांग में जबरदस्त इज़ाफ़ा हुआ है। लेकिन एयरपोर्ट पर यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अभी तक प्रभावी इंतजाम नहीं किए गए हैं। नतीजतन, यात्रियों को बैठने की समुचित व्यवस्था नहीं मिल पा रही, और वे फर्श पर बैठने को मजबूर हो रहे हैं।
यात्रियों को हो रही दिक्कतें
- – बैठने की सुविधा का अभाव: एयरपोर्ट के अंदर और बाहर पर्याप्त सीटिंग व्यवस्था नहीं होने के कारण यात्री ज़मीन पर बैठने को मजबूर हैं।
- – फ्लाइट डिले की समस्या: उड़ानों में देरी होने पर यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ता है, लेकिन उनके आराम के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं।
- – सुविधाओं की कमी: यात्रियों को शौचालय, पेयजल और खानपान की सुविधाओं के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
प्रशासन को करनी होगी कार्यवाही
प्रयागराज एयरपोर्ट पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए अब जरूरत है कि प्रशासन भी रेलवे की तरह एक ठोस रणनीति बनाए। हवाई अड्डे पर यात्रियों की सुविधा और भीड़ नियंत्रण के लिए आवश्यक इंतजाम किए जाएं ताकि श्रद्धालु और पर्यटक अपनी यात्रा को सहज और आरामदायक बना सकें।