क्रिकेटर मुरलीधरन की कंपनी ने जम्मू-कश्मीर में नहीं करेंगी निवेश, विधानसभा में हंगामे के बाद निर्णय।

जम्मू में निवेश के लिए नीति, यह मंजूरी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का हिस्सा थी। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल प्रशासन ने एक नई औद्योगिक और भूमि नीति लागू की थी। जिसने जम्मू कश्मीर में भारी निवेशकों के लिए दरवाज़े खोल दिए थे। जम्मू कश्मीर विधानसभा में 70 नेशनल कांफ्रेंस और विपक्षी भारत जनता पार्टी के विधायकों ने भूमि आवंटन का विरोध किया। इस पर सवाल उठाए गए। जम्मू कश्मीर विधानसभा में वर्तमान सरकार का पहला बजट सत्र चल रहा हैं।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार श्रीनगर। 

पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन की पेय पदार्थ कंपनी जम्मू कश्मीर में निवेश से पीछे हटने जा रही है। जम्मू कश्मीर सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने पुष्टि की है कि   “सीलोन बेवरेजेस कैन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी” इस परियोजना से हटने जा रही है। आपको बता दें कि एक दिन पहले जम्मू कश्मीर विधानसभा में पूर्व क्रिकेटर को भूमि को लेकर हंगामा हुआ था। कांग्रेस विधायक ने दावा किया था कि वह भूमि मुफ्त में दी गई है।

कंपनी ने दिया आवेदन……….

आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि कंपनी ने वापसी के लिए आवेदन दिया है। पेय पदार्थ में भरने के लिए डिब्बे बनाने वाली सीलोन बेवरेजेस को जम्मू प्रांत के कठुआ जिले में औद्योगिक एस्टेट भागथली – II में 206 कनाल भूमि आवंटित की गई थी।

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आवंटन की मंजूरी 2024 में जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लो के अध्यक्षता वाले शीर्षस्तरीय भूमिका आवंटन समिति द्वारा की गई थी। कंपनी को ₹6000 प्रति वर्ष की दर से 8 लाख रुपए प्रति कनाल के प्रीमियम पर 40 साल के लिए पट्टा दिया गया था।

जम्मू में निवेश के लिए नीति…………..

यह मंजूरी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का हिस्सा थी। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल प्रशासन ने एक नई औद्योगिक और भूमि नीति लागू की थी। जिसने जम्मू कश्मीर में बाहरी निवेशकों के लिए दरवाज़े खोल दिए थे। जम्मू कश्मीर विधानसभा में सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने भूमि आवंटन का विरोध किया और इस पर सवाल उठाए गए। जम्मू विधानसभा में वर्तमान सरकार का पहला बजट सत्र चल रहा है।

विधानसभा में क्या हुआ था?…………..

कुलगाम से सीबीआई विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, कांग्रेस विधायक गुलाम अहमद मीर और राजीव जसरोटिया ने विधानसभा में श्रीलंकाई क्रिकेटर को इस भूमि आवंटन का विरोध किया था। तारिगामी ने आरोप लगाया था कि कंपनी को भूमि मुफ्त में आवंटित की गई है। जवाब में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा था कि उसे इस सौदे के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

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