मरीज बनकर इलाज कराने सीएचसी पहुंचे सीएमओ, दलाल मिले सक्रिय

प्राइवेट वाहन से गमछे से मुंह बांधकर पहुंचे सीएमओ, पहचान उजागर होते ही घंटो तक दलालों में मची भगदड़, एक दलाल को पुलिसकर्मियों ने दबोचा

अभिमन्यु शर्मा, जिला प्रभारी :रामकोला/कुशीनगर। डॉक्टरों के आवास से सीएचसी तक दलाल सक्रिय हैं। शनिवार को मरीज बनकर पहुंचे सीएमओ सीएचसी का नजारा देख दंग रह गए। डॉक्टर और स्टाफ की शह पर चल रहा खेल उजागर हो गया। सीएचसी प्रभारी ने पर्ची पर बाहर की दवाएं लिखकर सीएमओ को थमा दी। सीएमओ की पहचान उजागर होते ही दलालों में भगदड़ मच गई। एक दलाल को पुलिसकर्मियों ने दबोच लिया। एक घंटे तक अफरा-तफरी मची रही। प्रभारी चिकित्साधिकारी ने दलालों पर कार्रवाई के लिए पुलिस को तहरीर दी है।

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एक रुपये में इलाज की उम्मीद लेकर आने वाले मरीजों को डॉक्टरों की मिलीभगत से दलाल बाहर की दवा और जांच कराने के नाम पर आर्थिक शोषण कर रहे हैं। प्रसव कक्ष के बाहर मौजूद महिला दलाल कमीशन के चक्कर गर्भवतियों को निजी अस्पतालों में भेज देती हैं। इसका वीडियो बनाकर किसी ने अधिकारियों को भेजा था। शनिवार को सुबह करीब 11 बजे सीएमओ प्राइवेट वाहन से गमछे से मुंह बांधकर पहुंचे। पीछे से पुलिसकर्मी भी पहुंच गए। मास्क लगाने के बाद पर्ची काउंटर से पर्ची ली और प्रभारी चिकित्साधिकारी एसके विश्वकर्मा के कक्ष में पहुंचे।

पहचान छिपाए सीएमओ डॉ. सुरेश पटारिया ने पेट, दर्द और बुखार की की शिकायत की बात कही। डॉक्टर ने पर्ची पर पांच दवाएं लिख दी। इनमें दो दवाएं बाहर की थीं। बाहर से दवा लिखने पर आपत्ति के बाद सीएमओ को डॉक्टर और कर्मचारियों ने पहचान लिया। सीएचसी और डॉक्टरों के आवास पर मौजूद दलालों में भगदड़ मच गई। पुलिस ने दौड़ाकर एक युवक को दबोच लिया। सीएचसी में मौजूद महिला दलाल भी भाग निकली। सीएमओ ने डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों को फटकार लगाई और दलालों को शह देने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। सीएमओ की पूछताछ में प्रभारी चिकित्साधिकारी एसके विश्वकर्मा ने बताया कि प्रसव कक्ष के बाहर बाहरी महिलाएं जमी रहती हैं। कई बार इन्हें मना किया गया, लेकिन मानती नहीं हैं। विवाद करने लगती हैं। अपने आवास पर इन महिलाओं की मदद से इलाज करने वाली स्टाफ नर्स पुनीता को पांच माह पहले नोटिस भी दिया था।

पहले भी दलालों में हो चुकी है मारपीट

कुछ माह पहले प्रभारी चिकित्साधिकारी के आवास पर दलालों का दो गुट भिड़ गया था। मारपीट के दौरान युवकों ने पहिया वाहन का शीशा तोड़ दिया था। सूत्रों की मानें तो डॉक्टरों की मिलीभगत से मेडिकल स्टोर संचालक और निजी अस्पताल से जुड़े युवकों का सीएचसी में कब्जा रहता है। मरीजों को बेहतर इलाज का झांसा देकर अस्पताल से लेकर चले जाते हैं। कई बार प्रभारी चिकित्साधिकारी की ओर से पुलिस को तहरीर दी गई। लेकिन, बाद में मामला मैनेज हो गया।

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