चोरी के दो आरोपी पकड़े, 16 तोला सोना, 1 किलो चांदी के जेवर जब्त , चोरी के मामले में गिरफ्तार।
पुलिस ने मुक़दमा दर्ज़ कर इस पर पुलिस उपाधीक्षक पुष्पेंद्र आड़ा, वृत निरीक्षक छुट्टन लाल मीणा ने निर्देशन में ज़ब्त, पुलिस अधीक्षक कार्यालय से साइबर की विशेष गठन किया गया। टीम ने तकनीकी अनुसंधान एवं मुखबिर की सहायता से चोरी के मुख्य आरोपी सुमित माली पुत्र सुंदरलाल व अन्य माली पुत्र सत्यनारायण निवासी हॉट चौक अटरू को गिरफ्तार कर पूछताछ की है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार जयपुर (राजस्थान)। पुलिस ने कृषि उपज मंडी के प्रमुख व्यापारी नवल किशोर अग्रवाल के यहां 7 जनवरी को हुई चोरी के मामले का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर आरोपियों के कब्जे से 16 तोला सोना व 1 किग्रा चांदी के जेवर जब्त किए हैं। पुलिस ने बताया है कि चोरी के मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपी सगे भाईयों के लड़के हैं।
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एसपी राजकुमार चौधरी ने शनिवार शाम पत्रकार वार्ता व प्रेस नोट में बताया है कि और आरोपी व्यापारी नवल किशोर अग्रवाल के घर में घुसकर 54 तोला सोना के आभूषण, 4 किलो ग्राम चांदी के आभूषण, 4.5 लाख रुपए की नगदी चुरा ले गए थे।
इस बार पुलिस ने मुकदमा दर्ज़ किया था कि इस पर पुलिस उपाधीक्षक पुष्पेंद्र आड़ा, वृत निरीक्षक छुट्टन लाल मीणा के निर्देशन में ज़ब्त, पुलिस अधीक्षक कार्यालय साइबर की विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने तकनीकी अनुसंधान एवं मुखबिर की सहायता से चोरी करने के मुख्य आरोपी सुमित माली पुत्र सुंदरलाल व अजय माली पुत्र सत्यनारायण निवासी हॉट चौक अटरू को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई है। इस दौरान पूछताछ में आरोपियों के पास से चराए गए 16 तोला सोने, 1 किलोग्राम चांदी के जेवरात बरामद किए गए हैं।
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अन्य आरोपियों का भी पता लगाया जा रहा है। जब पुलिस ने स्थानीय चोरों द्वारा की गई वारदात का खुलासा किया तो लोग हैरान हो गए कि इस तरह के शातिर चोर कस्बे में ही मौजूद हैं। इससे लोग अनजान थे। पुलिस टीम में थाना प्रभारी छुट्टनलाल मीणा, साइबर सेल पर प्रभारी जगदीश चंद्र शर्मा, एएसआई परशुराम, हेड कांस्टेबल हरीश भाटी, वीरेंद्र सिंह, नरपत सिंह, कांस्टेबल मनोज, सुरेंद्र व सोदान शामिल रहें।
कस्बे में इस चोरी की वारदात के बाद लोगों में भय का माहौल था। पुलिस द्वारा चोरी का खुलासा नहीं होने से लोगों में घुसा फूट पड़ा था। चोरी का खुलासा नहीं होने पर कल भी जनता का धीरे-धीरे आक्रोश बढ़ने लगा, और पुलिस पर दबाव बनाने के लिए कस्बे को बंद रखा गया। ऐसे में इसका खुलासा करना पुलिस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था।