चीन के बाद दुनिया में भारत में ही सबसे अधिक मधुमेह रोगी है : डॉ. कलीम अहमद

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने विश्व मधुमेह दिवस पर किया गोष्ठी का आयोजन।

मुकेश कुमार  (एडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)।  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्वाधान में विश्व मधुमेह दिवस पर आयोजित गोष्ठी में मधुमेह के लक्षण व उपचार के बारे में जानकारी प्रदान की गई। स्थानीय हकीकत नगर स्थित आईएमए सभागार में विश्व मधुमेह दिवस पर आयोजित गोष्टी को संबोधित करते हुए आईएमए के अध्यक्ष  डा. कलीम  अहमद  ने कहा कि इस वर्ष मधुमेह दिवस की थीम एक्सेस -2 डायबिटिक केयर है। सामान्य तौर पर देखा जा रहा है, कि बहुत कम उम्र के युवक और युवतियो मे मधुमेह जैसे बीमारी की अधिकता पाई जा रही है। जिसका प्रमुख कारण माना जा रहा है। कि रोजमर्रा के खान पान मे लापरवही तथा अधिक व्यस्तता के चलते मधुमेह जैसी बीमारी अपने प्रभाव में ले रही है।

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भारतवर्ष के गरीब 10.2 करोड़ व्यक्ति इस रोग से पीड़ित है।चीन के बाद भारत मे ही सबसे अधिक मधुमेह रोगी है। उन्होने कहा कि ज्यादा प्यास व भूख लगना,वजन कम होना,पैरों का सूनापन,आंखों की रोशनी कम होना,जख्म देरी से ठीक होना,बार बार पेशाब आना,थकावट का महसुस होना मधुमेह के लक्षण हैं।

आईएमए के सचिव डा.सौम्य जैन ने कहा कि शुगर के लोगों को नियमित रुप से अपना चैकअप कराना चाहिए। यदि शुगर को कंट्रोल नहीं रखते तो वह शरीर के विभिन्न अंगों पर अपना असर डालती है। शुगर से गुर्दे खराब हो जाते हैं। आंखों की रोशनी कम हो जाती है। स्ट्रोक होना, हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है।

नशे कमजोर हो जाती हैं। इसलिए मधुमेह के रोगी को अपना ब्लड शुगर कंट्रोल में रखना चाहिए। डॉक्टर नरेश नौसरान ने कहा कि शुगर के मरीजों को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। अल्कोहल व धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए।

अपना वजन कम करें, उच्च फाइबर वाला आहार लें,तनाव मुक्त रहें, नींद पूरी लें तथा जीवन शैली में बदलाव लाकर भी काफी हद तक शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। गोष्ठी में डॉक्टर अंकुर उपाध्याय, डॉक्टर रिक्की चौधरी, डॉ महेश चंद्र, डॉक्टर मनदीप सिंह आदि चिकित्सक मौजूद रहे।

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