छुटमलपुर सहारनपुर नगर पंचायत में रुड़की रोड पर स्थित पंजाब हॉस्पिटल में तहसीलदार की छापेमारी, पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही।

जांच के दौरान, एसडीएम बेहट, तहसीलदार और फतेहपुर पुलिस के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग से एसीएमओ कुनाल जैन की मौजूद थे। हालांकि, जांच के बाद, अधिकारियों ने मीडिया कर्मियों के सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। इस मामले में जांच अधिकारी नियमों के अनुसार, 1959 के तहत, नगर निगमों को अपने कार्यों को संचालित करने और नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने के लिए नियमों और विनियमों का पालन करना आवश्यक है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार सहारनपुर (उत्तर प्रदेश  )।

छुटमलपुर सहारनपुर नगर पंचायत में रुड़की रोड पर स्थित पंजाब हॉस्पिटल एसडीएम बेहट और तहसीलदार की छापेमारी के बारे में जानकारी मिली है। यह कार्यवाही उपजिलाधिकारी बेहट को पंजाब हॉस्पिटल की शिकायत मिलने के बाद की गई थी। जांच के दौरान, एसडीएम बेहट, तहसीलदार, और फतेहपुर पुलिस के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग से एसीएमओ कुनाल जैन भी मौजूद थे। हालांकि, जांच के बाद, अधिकारियों ने मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देने से इन्कार कर दिया।

इस मामले में जांच अधिकारी नियमों के अनुसार कार्यवाही करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 के तहत,नगर निगमों को अपने कार्यों को संचालित करने और सेवाएं प्रदान करने और नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने के लिए नियमों और विनियमों का पालन करना आवश्यक है।

हालांकि, इस मामले में जांच अधिकारियों की चुप्पी और  मीडिया कर्मियों जानकारी देने से इनकार करना सवाल उठाता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि जांच के परिणाम क्या है? जांच के नियम निम्नलिखित हैं –

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प्रारंभिक जांच………

  1. जांच का उद्देश्य, जांच का उद्देश्य तथ्यों को इकट्ठा करना और घटना के बारे में जानकारी प्राप्त करना है।
  2. जांच अधिकारी, जांच अधिकारी को नियुक्त किया जाता है जो जांच के लिए जिम्मेदार होता है।
  3. जांच की पक्रिया, जांच अधिकारी जांच के लिए आवश्यक कदम उठाता है। जैसे की गवाहों से पूछताछ करना, दस्तावेजों की जांच करना, और घटनास्थल का निरीक्षण करना।

जांच के दौरान………..

  1. निष्पक्षता, जांच अधिकारी को निष्पक्ष और तटस्थ  रहना चाहिए।
  2. गोपनीयता, जांच के दौरान प्राप्त जानकारी को गोपनीय रखा जाना चाहिए।
  3. साक्ष्य संग्रह, जांच अधिकारी को साक्ष्य संग्रह करना चाहिए और उन्हें सुरक्षित रखना चाहिए।

जांच के बाद…….

  1. जांच रिपोर्ट, जांच अधिकारी को जांच रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए, जिसमें जांच के परिणाम का विवरण हो।
  2. कार्यवाही, जांच रिपोर्ट के आधर पर आवश्यक कार्यवाही की जानी चाहिए।
  3. निगरानी, जांच के बाद निगरानी की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकें कि आवश्यक कार्यवाही की गई है।

हॉस्पिटल को एक बिजनेस के रूप में देखने के दो पहलू है………..

सकारात्मक पहलू……

  1. सेवा के साथ लाभ, हॉस्पिटल एक बिजनेस के रूप में सेवा प्रदान करते हुए लाभ कमा सकते हैं।
  2. निवेश और विकास, बिजनेस मॉडल के तहत हॉस्पिटल में निवेश हो सकता है। जिससे बेहतर सुविधाएं और तकनीक का उपयोग हो सकता है।
  3. प्रतिस्पर्धा और सुधार, बिजनेस मॉडल में प्रतिस्पर्धा होने से अस्पताल में सुधार हो सकता है और मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकती हैं।

नकारात्मक पहलू……..

  1. लाभ के लिए मरीजों का शोषण, हॉस्पिटल को एक बिजनेस के रूप में देखने से मरीजों का शोषण हो सकता है। खासकर जब लाभ के लिए मरीजों से अधिक पैसे लिए जाते हैं।
  2. सेवा की गुणवत्ता पर प्रभाव, बिजनेस मॉडल मिला आपको प्राथमिकता देने से सेवा की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ सकता है।
  3. गरीबों के लिए असुलभता, हॉस्पिटल को एक बिजनेस के रूप में देखने से गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो सकती है।

इसलिए हॉस्पिटल में बिजनेस के रूप में देखने के के दोनों पहलू है। यह महत्वपूर्ण है कि अस्पताल में सेवा और लाभ के बीच संतुलन बनाया जाएं।

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