चमोली माणा एवलॉन्च हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश, जोशीमठ एसडीएम को नियुक्त किया गया जांच अधिकारी।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी के द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि इस पूरे घटनाक्रम में जान-माल दोनों की हानि हुई है। लिहाज़ा मजिस्ट्रेट जांच बेहद जरूरी है। इसीलिए जोशीमठ के उप जिलाधिकारी को इसकी जांच सौंपी गई है। उप जिलाधिकारी द्वारा न केवल मजदूरों, बल्कि बीआरओ अधिकारियों और कर्मचारियों से बातचीत की जाएंगी। इसके साथ ही मौके का मुआयना करने के बाद 15 दिनों में इस पूरी घटना के तह तक जाएंगे।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार देहरादून (उत्तराखंड )।

28 फरवरी को चमोली जिले में माणा में हिमस्खलन की घटना घटित हुई थी। हिमस्खलन में 54 मजदूर दब गए थे। जिसमें से 46 लोगों को भारतीय सेना और आईटीबीपी ने रेस्क्यू किया। घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी। अब इस पूरे मामले को लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। जोशीमठ उप जिलाधिकारी को जोशीमठ को अधिकारी नियुक्त किया गया है।

चमोली के डीएम संदीप तिवारी ने 28 फरवरी को चमोली माणा में आएं, एवलॉन्च हादसे के मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी ने जोशीमठ एसडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। चमोली हादसे में अभी भी एक मजदूर लापता है।

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जबकि 46 मजदूरों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया था। इस हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई थी अभी भी कुछ मजदूरों का इलाज चमोली और कुछ मरीज का ऋषिकेश एम्स में चल रहा है।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी के द्वारा जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि इस पूरे घटनाक्रम में जान-माल दोनों की हानि हुई है। लिहाज़ा मजिस्ट्रेट जांच बेहद जरूरी है। इसलिए जोशीमठ के उप जिलाधिकारी को इसकी जांच सौंपी गई है। उप जिलाधिकारी द्वारा न केवल मजदूरों, बल्कि बीआरओ के अधिकारियों और कर्मचारियों से बातचीत की जाएंगी।

इसके साथ ही मौके का मुआयना करने के बाद 15 दिनों में इस पूरे घटना की तह तक जाएंगे।

जांच में यह भी साफ हो जाएंगा कि आख़िरकार मजदूरों के रूकने खाने-पीने और रात को सोने की व्यवस्था बेहतर तरीके से की थी या नहीं? घटना में कोई मानवीय भूल तो नहीं है? क्योंकि मौसम विभाग ने पहले ही उत्तराखंड के कई जिलों में एवलॉन्च की चेतावनी जारी कर दी थी।

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