कार की अनोखी विदाई, कार की समाधि में 4 लाख खर्चा, 1500 लोगों को खिलाया भोज।

एक कार और उसकी समाधि देने के लिए 15 फीट से ज्यादा नीचे एक गड्ढा खोदने की प्रक्रिया में शामिल सैकड़ो लोग और फिर उस कार को फूल माला से सजाकर गड्ढे में उतारना और उसे समाधि देना।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार (गुजरात)।  जीवन में अगर कोई चीज लकी साबित हो जाए तो फिर आपकी किस्मत कैसे जमीन से आसमान तक पहुंच जाएं और सफलता कदम चूमने लगे कि सुनकर लोगों को यही लगेगा कि काश मेरे साथ भी ऐसा ही हो। गुजरात में एक व्यक्ति के लिए उसकी कार ही लकी साबित हो गई। जब पुरानी‌ हुई तो उसका अंतिम संस्कार कर विदाई देते हुए 1500 लोगों को भोज खिलाया गया।

यह भी पढ़ें – समितियां पर ताले, सरकारी बिक्री केंद्रों पर निर्धारित मूल्य ज्यादा दाम चुकाने को मजबूर।

एक कार और उसकी समाधि देने के लिए 15 फीट से ज्यादा नीचे एक गड्ढा खोदने की प्रक्रिया में शामिल सैकड़ो लोग और फिर उस कार को फूल माला से सजाकर गड्ढे में उतारना और उसे समाधि देना……. यह सुनते हुए आपको लग रहा होगा‌ कि यह कोई फिल्मी सीन है। क्योंकि कार को कौन‌ समाधि देता है? लेकिन यह कहानी काल्पनिक नहीं है बल्कि सच है। जहां एक व्यक्ति ने अपनी लकी कार को बेहद खास अंदाज में विदा किया और समाधि देने के अवसर पर चार लाख रुपए खर्च कर ‌ 1500 लोगों को दावत‌ भी दी।

आपको यह जानकारी हैरानी होगी कि‌ इस वास्तविक घटना से यह साबित होता है कि अगर लोग को कोई चीज प्यारी होती है तो उनकी सुख – समृद्धि की वजह बनती है तो फिर उसकी विदाई भी लोग उतनी धूमधाम से करते हैं। गुजरात स्थित अमरेली के रहने वाले संजय पोराला और उनकी फैमिली ने 12 साल पुरानी मारुति सुजुकी वैगन आर का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया। संजय का कहना है कि जब 12 साल पहले उन्होंने मारुति सुजुकी कार खरीदी थी तो इस कार ने उनकी फैमिली की किस्मत ही बदल दी।

यह भी पढ़ें – बिहार में महापर्व छठ में धर्म पर आस्था पड़ी भारी, बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं भगवान भास्कर को देंगी अर्घ्य।

बिजनेस में सफलता के साथ ही फैमिली के लोगों में एक दूसरे के प्रति प्यार भी बड़ा और घर में खूब पैसे भी आने शुरू हो गए थे।

अपनी 12 साल पुरानी कार को फूल माला से सजा कर लाते हैं और संत महात्माओं की मौजूदगी में मंत्रउच्चारण से समाधि देने के लिए तैयार किया जाता है। इससे पहले 15 फीट गड्ढा खोदा जाता है और उसमें कार को उतारकर हरे रंग के कपड़े से ढका जाता है। सबसे दिलचस्प यह है कि इस मौके को देखने के लिए 1500 से ज्यादा लोग वहां मौजूद थे। आखिर में जेसीबी की मदद से और लोगों ने उस कार पर मिट्टी डाल उसे दफन कर दिया। संजय पोलारा और उनकी फैमिली जमीन के नीचे दबी इस कार के के ऊपर पेड़ लगाना चाहते हैं।

इस कहानी का कुल मिलाकर यह सर है कि अगर कोई चीज किसी भी इंसान या परिवार के लिए लकी साबित होती है तो फिर उसकी वैल्यू काफी बढ़ जाती है और फिर लोग उसकी खातिरदारी जी – जान से करते हैं। संजय पोलारा भी अपनी कार मारुति सुजुकी वैगन आर को अपने कंस्ट्रक्शन बिजनेस के लिए लकी मानें और फिर उसका एक तरह से अंतिम संस्कार किया और 1500 लोगों को भोज भी खिलाया।