पाकिस्तान से भारत आए पर भारतीय स्वतंत्रता दिवस नहीं मना सके पाकिस्तानी हिंदू

शरणार्थी स्थल पर घर में कैद रखे गए दोनों पाकिस्तानी परिवार

चित्रकूट। राहत और उम्मीद की आस में भारत पहुंचे पाकिस्तान के 2 हिंदू परिवारों ने भारत की सरजमीं पर दाखिला तो ले लिया लेकिन वीजा के नियमों की अनदेखी दोनों परिवार पाकिस्तान से भारत पहुंचे। ऐसे में इन परिवारों को भारत पहुंचने के बाद एक शरणार्थी स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था में नजरबंद रखा गया है। हिंदू है भारत से लगाव है लेकिन स्वतंत्रता दिवस नहीं मना पाए क्योंकि पाकिस्तान का ठप्पा लगा हुआ है। अधिकारियों का कहना है की जांच चल रही है जांच पूरी होने के बाद समुचित निर्णय लिया जाएगा।

यह भी पढ़ें : पूर्व प्रधानमंत्री पंडित अटल बिहारी वाजपेई की पुण्यतिथि पर पहली बार बलरामपुर में आयोजित होगा कार्यक्रम
आपको बताते चलें कि पाकिस्तान से आए दोनो हिंदू परिवार समाजसेवी की मदद से लगभग पखवारे भर से चित्रकूट के संग्रामपुर में स्थित पंचायत घर में रह रहे हैं। वीजा के नियमों का उल्लघंन कर दिल्ली होकर चित्रकूट पहुंचने वाले वाले इन परिवार के सभी 15 सदस्य लगातार भारत में ही बसने और यहीं पर रहने की इच्छा जता रहे। संग्रामपुर के पंचायत घर में रह रहे दोनों पाकिस्तानी परिवार 15 अगस्त को तिरंगे को सलामी देना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें सुरक्षा का हवाला देकर बाहर निकलने नहीं दिया। इसके चलते पंचायत भवन में ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल होने का मौका भी सभी को नही मिला।

पाकिस्तान में मुसलमानों के उत्पीड़न के साथ बेरोजगारी, प्रताडऩा और मंहगाई से परेशान होकर पाकिस्तान में रह रहे दो हिंदू परिवारों ने भारत में बसाने का निर्णय लिया था। कराची के रास्ते दोनों परिवार बाघा बॉर्डर पार कर दिल्ली पहुंचे। 15 सदस्य दोनो पाकिस्तानी परिवार में मिलाकर हैं।

जिले के संग्रामपुर निवासी समाजसेवी कमलेश पटेल दोनों पाकिस्तानी परिवारों को एक अखाड़े की मदद से ले कर संग्रामपुर गांव आया था। खुफिया विभाग के अधिकारी इन दोनों परिवारों के मामले में लगातार जांच कर रहे है लेकिन अभीतक किसी भी परिवार के किसी भी सदस्य का अपराधिक या संदिग्ध मामला या कारण अब तक सामने नहीं आया है।

दोनों पाकिस्तानी परिवार वीजा के नियमों की अनदेखी कर भारत में दाखिल हुए हैं। यह परिवार बाघ बॉर्डर पार करने के बाद दिल्ली में रहा फिर दिल्ली से चित्रकूट आया। अब इनका ठिकाना कहां होगा इसका निर्णय उच्चायुक्त व उच्चाधिकारियों ने अभी तय नहीं किया है। लगभग 15 दिनों से इस परिवार को पंचायत भवन में ठहराया गया है। अधिकारियों के अनुसार अभीतक एफआरआरओ कार्यालय से कोई रिपोर्ट न आने से इन्हें लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है।

आज भारत देश की आजादी का जश्र हर जगह मनाया गया तरह-तरह के कार्यक्रम हुए लेकिन संग्रामपुर में शरण लिए हुए दोनों पाकिस्तानी परिवारों को अब तक सुबह से किसी भी कार्यक्रम में शरीक होने का मौका नहीं दिया गया है। पुलिस की सुरक्षा में सभी परिवारों को पंचायत घर में नजर बंद रखा गया है। जबकि पंचायत भवन में भी हर बार की तरह ध्वजारोहण हुआ लेकिन भारत आए हिंदू परिवार शामिल नहीं हो पाए। इस परिवार के सदस्य राकेश कुमार ने कहा कि उन्हें भारत से लगाव है। वह सब अब फिर कभी पाकिस्तान नहीं जाना चाहते हैं। दोनों पाकिस्तानी परिवार 15 अगस्त को लेकर काफी उत्साहित रहे, लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते तिरंगे को सलामी नहीं दे सके।

पंचायत भवन में ध्वजारोहण व आजादी के कार्यक्रम में वह शामिल नहीं हो पाए। ग्राम प्रधान ममतादेवी के पति मुन्ना लाल ने बताया कि पंचायत भवन में ध्वजारोहण के बाद मिष्ठान वितरण किया। एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि अभी तक उच्च अधिकारियों की रिपोर्ट नहीं आई है। जिले से पूरी जांच के बाद दो बार रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।
यह भी पढ़ें : पूर्व प्रधानमंत्री पंडित अटल बिहारी वाजपेई की पुण्यतिथि पर पहली बार बलरामपुर में आयोजित होगा कार्यक्रम