बसपा मुखिया मायावती को लग सकता है तगड़ा झटका, भाजपा का दामन थाम सकती हैं बसपा सांसद
दानिश अली के बाद अब लालगंज लोकसभा सीट से सांसद संगीता आजाद पार्टी को छोड़ सकती हैं।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ) TV9 भारत समाचार लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। लोकसभा चुनाव में अकेले चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुकी बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लोकसभा चुनाव से पहले ही बसपा सुप्रीमो मायावती को तगड़ा झटका लग सकता है।
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बसपा के अंदर बगावत तेज हो गई है। दानिश अली के बाद अब लालगंज लोकसभा सीट से सांसद संगीता आजाद पार्टी को छोड़ सकती हैं। संगीता जल्द ही भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकती हैं। लोकसभा चुनाव से पहले ही संगीता आजाद का बसपा छोड़कर भाजपा का दामन थामना लगभग तय हो गया है।
संगीता आजाद इसी महीने भाजपा का दामन थाम सकती हैं। बस इसकी घोषणा होना बाकी है। केंद्रीय नेतृत्व की ओर से संगीता आजाद को हरी झंडी मिल गई है। अब सही समय का इंतजार है। संगीता आजाद का भाजपा का दामन थामने से आजमगढ़ और पूर्वांचल की राजनीति पर बड़ा असर पड़ सकता है।
संगीता आजाद का भाजपा का दामन थामना बसपा के लिए तगड़ा झटका होगा। इसका कारण यह है, कि संगीता आजाद के ससुर गांधी आजाद बसपा के संस्थापक के सदस्यों में से एक हैं। गांधी आजाद पूर्वांचल के बड़े दलित नेता माने जाते थे। पूर्वांचल के लोगों में गांधी आजाद के प्रति आस्था रही है।
गांधी आजाद ने बसपा में रहकर कई बड़े पदों पर काम किया था। बसपा के राज्यसभा सांसद होने के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं। संगीता आजाद के पति अरविंद आजाद भी लालगंज से बसपा के विधायक रह चुके हैं। संगीता आजाद की सास मीरा आजाद दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।
संगीता आजाद ने पिछले दिनों लोकसभा संसद सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। मुलाकात की तस्वीर भी संगीता आजाद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की थी। इसके बाद से ही संगीता आजाद का भाजपा का दामन थामने की खबरों ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया था।
बरहाल इस मुलाकात को संगीता आजाद ने औपचारिक मुलाकात बताया था। संगीता आजाद कई बार भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी कर चुकी हैं। यही नहीं पिछले काफी समय से संगीता आजाद बसपा के कार्यक्रमों में भी दिखाई नहीं दे रही हैं।
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