बोर्ड परीक्षा में केंद्र अध्यक्ष भी नहीं रख पाएंगे मोबाइल, यदि मोबाइल रखा तो 10 साल तक कैद की सज़ा।
2 वर्ष पहले प्रश्न पत्र लीक होने की घटनाएं सामने आने पर माशिमं की कार्यपालिका समिति ने ऐसा करने वाले के लिए 10 साल कैद की सज़ा और 10 लाख रुपए अर्थदंड का प्रस्ताव बनाया था। मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षाएं अधिनियम 1937 की धारा - 3 में परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करने करवाने के लिए 3 वर्ष के कारावास और ₹5000 अर्थदंड का प्रविधान है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार भोपाल (मध्य प्रदेश)। माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं व 12 वीं की बोर्ड 15 फरवरी 2025 में शुरू होंगी। इस बार प्रश्न पत्र लीक जैसी घटनाओं को रोकने और गड़बड़ी करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की तैयारी है। केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षक सहित किसी भी स्टाफ के पास मोबाइल पाया गया तो संविधान थाना क्षेत्र में उनके विरुद्ध प्रकरण दर्ज़ करवाया जाएगा। ऐसे सख्त प्रविधान के लिए परीक्षा अधिनियम में संशोधन विधेयक विधानसभा के 16 दिसंबर से शुरू होने जा रहे हैं। शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।
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संशोधित विधेयक में प्रतिबंध के बावजूद केंद्र में मोबाइल ले जाने पर 10 वर्ष तक कैद की सज़ा का प्रविधान किया गया है। इस संशोधन का आधार भारत सरकार के सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2024 को बनाया गया है।
पहले 3 वर्ष की सज़ा का प्रविधान था………………..
2 वर्ष पहले प्रश्न पत्र लीक होने की घटनाएं सामने आने पर माशिमं की कार्यपालिका समिति ने ऐसा करने वाले के लिए 10 साल कैद की सज़ा और 10 लाख अर्थदंड का प्रस्ताव बनाया था। मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षाएं अधिनियम -1937 की धारा – 3 (डी) मैं परीक्षा में अनुचित साधन का प्रयोग करने या करवाने के लिए 3 वर्ष की कारावास और ₹5000 अर्थदंड का प्रविधान है।
माशिमं की परीक्षाओं में इस अधिनियम के तहत कार्यवाही होती है। भारत सरकार के सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2024 के नियम जारी होने के बाद अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पहले मोबाइल प्रचलन में नहीं थे, इसलिए इनके दुरुपयोग को रोकने संबंधी प्रविधान भी नहीं थे।
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प्रश्नपत्र के फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर किए गए थे वायरल……………
2 साल पहले प्रश्न पत्र लीक मामले में मोबाइल के उपयोग की बात सामने आई थी। पुलिस थाना से प्रश्न पत्र परीक्षा कक्ष तक पहुंचने के दौरान मोबाइल से फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। इसे देखते हुए यह प्रविधान लाया जा रहा है कि केंद्राध्यक्ष ,सहायक केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षक सहित अन्य स्टाफ परीक्षा के समय मोबाइल नहीं रख सकेंगे। माशिमं के सचिव केडी त्रिपाठी के अनुसार, यदि ऐसा पाया जाता है तो उन्हें 10 वर्ष की कैद की सज़ा भी हो सकेगी और जुर्माना भी लगेगा। ऐसे अधिकारी, कर्मचारियों को माशिमं के परीक्षा कार्यक्रम से प्रतिबंधित भी कर दिया जाएगा। पहले भी परीक्षाकेंद्र के अंदर मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित था, लेकिन केंद्राध्यक्ष, सहायक केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षक और स्टाफ से लेकर जाते थे। बस परीक्षार्थियों के लिए सख्ती बरती जाती थी।
बाहर ही जमा करने होंगे मोबाइल, विधानसभा में पेश होगा संशोधन विधेयक……………….
परीक्षा केदो के बाहर लोहे की पेटी रखी जाएगी। इसमें मोबाइल जमा करना होगा। परीक्षा केंद्रों से माशिमं को सूचना देने परीक्षा की निगरानी करने के लिए मोबाइल के बदले वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इसमें लैंडलाइन फोन के उपयोग के साथ-साथ पोर्टल भी तैयार किया गया है। ताकि परीक्षा केंद्र से सूचनाओं का आदान-प्रदान प्रदान हो सकें। इसमें ईमेल के माध्यम से मंडल का पूरा नियंत्रण और संचालन होगा। साथ ही ऑफ लाइन प्रक्रिया को बंद किया जाएगा और ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई जाएंगी।
अधिनियम के प्रारूप पर मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल का अभिमत मांगा गया था। यह प्राप्त हो चुका है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। इसके प्रविधान फरवरी से प्रारंभ होने वाली बोर्ड परीक्षा से लागू किए जाएंगे। डॉ संजय गोयल, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग।………….